गर्भवती के लिए शास्त्रीय संगीत

हाल ही में हुए एक अध्ययन से यह तथ्य सामने आया है कि गर्भवती महिला अगर नियमित रूप से शास्त्रीय संगीत सुनें तो इस दौरान होने वाले तनाव से बच सकती है। सियांग काओह मेडिकल यूनिवर्सिटी, ताईवान के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में गर्भवती महिलाओं को दो समूह में बाँटा। 116 महिलाओं को सुनने के लिए संगीत की सीडी दी जबकि 120 गर्भवतियों की सिर्फ देखभाल की गई उन्हें संगीत नहीं सुनाया गया।

शास्त्रीय संगीत के बेताज बादशाह हैं पंडितजी

ख्यात शास्त्रीय गायिका पद्‍मश्री पद्‍मजा फेणाणी जोगलेकर ने पंडित भीमसेन जोशी को भारत रत्न दिए जाने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि पंडितजी शास्त्रीय संगीत के बेताज बादशाह हैं और उन्हें यह सम्मान बहुत पहले मिल जाना चाहिए था।

सुश्री पद्‍मजा ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि पंडित जोशी ने अपार कष्ट झेलकर स्वरों का महल खड़ा किया है। संगीत साधना के लिए उन्होंने बचपन में ही घर छोड़ दिया था। सवाई गंधर्व समेत कई गुरुओं के सान्निध्य में उन्होंने कठोर कला साधना की।

वर्तमान में संगीत की स्तिथि

हमारे देश में प्राचीन काल से प्रचलित ६४ महत्वपूर्ण कलाओ में से एक सर्वोत्कृष्ट कला मानी गई हैं संगीत,संगीत जो मन का रंजन करे,संगीत जो आत्मा को अभिवयक्त करे,संगीत जो ईश्वरीय कला हैं। संगीत जो कण कण, अनु अनु में व्यापत हैं,पानी की उठती गिरती लहरों में संगीत हैं,झरने की कल कल चल चल में संगीत हैं,पत्तो की फड फड में संगीत हैं,बच्चो की मधुर बोली में संगीत हैं,पंछियों के स्वर में संगीत हैं, प्रकृति में हर कही संगीत हैं,सम्पुरण वायुमंडल में संगीत की अवय्क्त ध्वानिया निरंतर गुंजायमान हो रही हैं,चराचर जगत के प्रत्येक तत्व में संगीत हैं.

शास्त्रीय संगीत को समझती हैं गोल्डफिश

गोल्डफिश मछलियों को आप भुलक्कड़ या असावधान समझ सकते हैं, लेकिन जब शास्त्रीय संगीत की बात आती है तो उन्हें पता होता है कि उन्हें क्या पसंद है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि इन मछलियों में इतनी समझ होती है वे 18वीं सदी के जर्मन संगीतकार जोहान सेबेस्टियन बाख और 20वीं सदी के रूसी संगीतकार इगोर स्ट्राविंस्की की रचनाओं में अंतर कर सकती हैं।

शास्त्रीय संगीत को मिला प्रोत्साहन-जसराज

अपने जीवन के कल 78 वर्ष पूरे करने जा रहे पंडित जसराज एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि वह शास्त्रीय संगीत के भविष्य को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि इंडियन आइडल और सारेगामा जैसे टीवी रियलिटी-शो के कारण युवा पीढ़ी की शास्त्रीय संगीत में रूचि बढ़ रही है।

जसराज के अनुसार शास्त्रीय संगीत के कार्यक्रमों में यदि एक हजार से अधिक श्रोता आ जाएँ तो उसे बेहद सफल कार्यक्रम माना जाता है, लेकिन इन रियलिटी-शो में दस-दस हजार तो दर्शक रहते हैं और टीवी के माध्यम से इसे लाखों लोग देखते हैं। यह एक उत्साहजनक बात है।

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

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