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असम का बिहू नृत्य गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज, बने दो विश्व कीर्तिमान

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, हमने आज गुवाहाटी के सरुसाजई में दो विश्व रिकॉर्ड के लिए प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इस दौरान 11,304 बिहू नासनियों और ढोलियों ने हिस्सा लिया। इससे पहले एक साथ इस तरह का बिहू नृत्य कहीं नहीं हुआ..

शास्त्रीय संगीत का भविष्य सुनहरा

रिमेंबरिंग महात्मा गाँधी

अपने नए एलबम रिमेंबरिंग महात्मा गाँधी की रिलीज के अवसर पर सोमवार रात यहाँ दिग्गज सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान ने भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुनहरे भविष्य की भविष्यवाणी की।

इस एलबम में उस्ताद ने अपने दोनों प्रतिभावान पुत्रों अयान और अमान अली के साथ 'रघुपति राघव राजाराम', 'एकला चलो रे' और 'वैष्णव जन तो' जैसे छह मशहूर गीतों की धुनों को सरोद के तारों पर उतारा है।

अमोनकर का निधन शास्त्रीय संगीत को बड़ी क्षति : लता मंगेशकर

अमोनकर

सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने किशोरी अमोनकर के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए बड़ी क्षति है।
 
जानी-मानी शास्त्रीय गायिका अमोनकर का सोमवार रात अपने आवास पर निधन हो गया। वे 84 वर्ष की थीं। लता ने ट्वीट कर अमोनकर की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
 

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई नेता पंडित जसराज के निधन से दु:खी

पंडित जसराज

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई नेताओं ने देश के महान शास्त्रीय गायकों में शुमार पंडित जसराज (Pandit Jasraj) के निधन (death) पर शोक प्रकट किया है। पंडित जसराज ने अमेरिका के न्यूजर्सी में सोमवार प्रात: अंतिम सांस ली। उनका हृदय गति रुकने से निधन हुआ। उनकी बेटी दुर्गा जसराज (Durga Jasraj) ने यह जानकारी दी। वह 90 साल के थे।

ह्यूस्टन में शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम

ह्यूस्टन में शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम

अमेरिका। इस शहर में यह एक बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम था। 15 जून, 2013 को टैगोर सोसायटी ऑफ ह्यूस्टन (टीएसएच) ने दो अन्य संस्‍थाओं के साथ मिलकर भारतीय अमेरिकी संगीतप्रेमियों के लिए भारतीय शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम पेश किया। इवलिन रूबेंस्टीन ज्यूइश कम्युनिटी सेंटर के कैप्लान थिएटर में आयोजित इस कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत के दिग्गजों पंडित तेजेन्द्र नारायण मजूमदार (सरोद), पंडित तन्मय बोस (तबला) ने अपना वादन पेश किया।

पंडित जसराज ने पहुंचाया शास्त्रीय संगीत की लोकप्रियता को नई ऊंचाई पर

 पंडित जसराज ने पहुंचाया शास्त्रीय संगीत की लोकप्रियता को नई ऊंचाई पर

'हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले' पंडित जसराज (Pandit Jasraj) ने इस साल जनवरी में अपने 90वें जन्मदिन पर ये शेर पढ़ते हुए कहा था कि उम्र तो महज एक आंकड़ा है और अभी मुझे बहुत कुछ करना है लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। उनका सबसे बड़ा योगदान शास्त्रीय संगीत को जनता के लिए सरल और सहज बनाना रहा, जिससे उसकी लोकप्रियता बढ़ी।
हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के पुरोधा पद्म विभूषण पंडित जसराज का अमेरिका के न्यूजर्सी में अपने आवास पर सोमवार की सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।

अमिताभ बच्चन के 38 साल पहले मौत को हरा कर आने की पूरी कहानी

अमिताभ बच्चन के 38 साल पहले मौत को हरा कर आने की पूरी कहानी

"चिरंजीव अमिताभ की दशा में पर्याप्त सुधार, पर अभी उन्हें इंटेंसिव केयर यूनिट में ही रखा जा रहा है और शायद 15 दिन और रखना पड़ेगा. सामान्य होने में शायद महीनों लगें. चिंता, शुभकामना, प्रार्थना के लिए आभारी."- बच्चन

ये पंक्तियाँ दिवंगत हरिवंशराय 'बच्चन' के उस पत्र की हैं, जो उन्होंने मुझे 10 अगस्त 1982 को तब भेजा था जब 38 साल पहले उनके पुत्र अमिताभ बच्चन, मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ज़िंदगी के लिए लड़ रहे थे.

अमिताभ बच्चन ने अपनी 77 बरस की ज़िंदगी में कई बार अपनी बीमारी के कारण मुश्किल दौर को देखा है, यह अच्छी बात है कि वह हमेशा अपनी बीमारी पर विजय पाते रहे हैं.

नटराज की मूर्ति यूरोप के परमाणु केंद्र में क्यों रखी गई

नटराज की मूर्ति यूरोप के परमाणु केंद्र में क्यों रखी गई

स्विटजरलैंड और फ़्रांस की सीमा पर स्थित दुनिया के बेहतरीन वैज्ञानिक रिसर्च संस्थानों में से एक यूरोपियन ऑर्गेनाइजेशन फ़ॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सीईआरएन) सबसे जटिल मशीनों का इस्तेमाल करता है.

इसकी आधिकारिक वेबसाइट का कहना है, "हम कणों की मूलभूत संरचना की जांच करते हैं जो हमारे चारों ओर मौजूद सब कुछ बनाते हैं. हम दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जटिल वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं."

दिग्गज डांसर अस्ताद देबू का 73 साल की उम्र में निधन

अस्ताद देबू

नृत्य की दुनिया के दिग्गज अस्ताद देबू का गुरुवार सुबह निधन हो गया. 73 साल के देबू के निधन की जानकारी उनके परिवार वालों ने दी है.

परिवार वालों ने सोशल मीडिया पर जारी की गई सूचना में कहा है, ''10 दिसंबर की सुबह वो इस दुनिया से विदा हो गए. हल्की बीमारी के बाद मु्ंबई स्थित घर पर ही उनका निधन हुआ. वो अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं. कला के प्रति उनका समर्पण अमिट है. उनके नृत्य को पंसद करने वालों की बड़ी तादाद रही है. यह मौत परिवार, दोस्त और नृत्य की दुनिया से जुड़े लोगों को दुखी करने वाली है. हम उनकी कमी महसूस करेंगे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.''