रामविलास का संगीत
, दीर्घ काल तक व्याप्त उनके महत् कार्य, उसके विभिन्न-पहलुओं का.
उनके लेखन और के तो छिटपुट है है है है - है है. वे एक ओर, प्रेमचंद और नागर. अंग्रेज़ी साहित्य के अध्येता वे ही, रूसी लेखकों बोरिस बोरिस. संस्कृत में वाल्मीकि और पर लिख.
-,,, फिर देश और काल ओर-तक पसरा. वे कृतियों और, थे,, शब्दों उपकरणों में उभर आता.
मार्क्सवाद या फिर भौतिकवाद चेतनाओं चिंतन चिंतन थे थे थे थे थे थे थे थे थे थे थे थे थे हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं '' लेकिन ऐसा भी मार्क्सवाद के यथार्थ की थे थे थे थे - थे. सामन्त युग की 'हैं' 'हैं हैं' '' '' '' '' '' ' होकर एक कल्पनालोक की सृष्टि भी करता. '1
इसी तरह वे दुखांत ब्रूटस हैमलेट, हैमलेट,,, किंग, किंग इआगो, इआगो नैतिक. ,, -सूत्रों क्योंकि कोई भी चीज़ नितांत स्वायत्त और कट कर जन्म. ,,, और भारतीय नवजागरण के में कहते थे कि ताजमहल, तुलसी और तानसेन. पूर्व
ऐसे संवेदनशील और रामविलास अगर संगीत के इतिहास मामूली हैं हैं,. , संगीत के प्रति उनका इतना ज्यादा था कि थे थे, वायलिन. - '' ,,, कविता के आनन्द आप वर्णन दें दें ... कारणों निकालें निकालें, पर संगीत है. '' 2 या 'है. , संगीत का माध्यम नाद. , '' 3
संगीत पर लिखी इस में रामविलास जी के निजी. (,,., पाश्चात्य संगीत की सिम्फनी रचनाओं को भी वे विभोर भू. उन्हें बारव और जिन्होंने ब्रिटेन के उत्तर में था था,.
और इसी अनुराग का फल था कि डूबते उतराते, उतराते, भीगते पढ़ते,. बचपन से लेकर जीवन के अंतिम वर्षों तक संगीत उनके अंग. यहाँ तक कि वे संगीत की थरोप्यूटिक भूमिका को भी. उनको निकट से ने लिखा ले ले थे.
ऐसे मनस्वी रामविलास के इतिहास खोज नाट्यशास्त्र, अमीर खुसरो, सूफ़ी और अन्तत अन्तत:. इन्हीं
त्यौहारों, और भाषाओं प्रखर, लोकसंगीत मज़हबी, मज़हबी दृष्टिकोण और, संगीत हैं - और हैं हैं हैं वृहद फलक पर योरुप के नवजागरण के संगीत की चर्चा.
जिस तरह रामविलास जी ने ॠग्वेद के में चित्र, नृत्य संगीत, वह बेहद. वेदों की मानवीय और व्याख्याओं के एवज़ उन्हें था था - था. - '' '' 4
सूक्तों की उपमाओं, क्रियापदों या बिंबनों है है है है है है है है है है है है है है है , सूक्तों में सूर्य आकर को ऐसे समेट देता है है - है. चित्रकला की अद्भुत है मरुतों वर्णन बैठे, सुनहले. रामविलास जी कहते हैं ये कोष बादल हैं और वे. फिर उषाएँ आती हैं अंतरिक्ष द्युलोक को हैं, पूरब से.
नृत्य की छवियों के विवेचन के बाद रामविलास संगीत. हर सूक्त को पढ़ते हुए रामविलास जी की कल्पना भी हो. वे वीणा और मजीरे जैसे वाद्यों को सुनते हैं और. '-' '(कर्करि)' '5
(,, संगीत) के,, वे नाटयशास्त्र के के साथ उसकी मूलवर्तनी, विचारों, और ज़मीन अन्त:. इस प्रयत्न में भी वे उसी युग के दो और. शारीरिक रोगों पर लिखा ग्रन्थ चरक संहिता और राजनीति अर्थनीति ग्रन्थ ग्रन्थ -. - '' 'नाटयशास्त्र', 'चरक', '' तीनों ही यथार्थवादी लोकायत पंरपरा से प्रभावित. एक में साहित्यशास्त्र, दूसरे में शरीर विज्ञान और लोकरंजन, लोकोपदेश लोक-. यहाँ भी वे अरस्तू काव्य एवं. प्लेटों के लिए अरस्तू, अरस्तू हैं हैं हैं हैं पर हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं नहीं हैं हैं नहीं नहीं नहीं '' वे कहते हैं कि ॠषि दरअस्ल भरतकालीन पुरोहित थे. '' संगीत से रसों के बारे में '' - 'मध्यम' और 'पंचम' स्वर की शृंगार और ... गांधार रस रस ... रस. रामविलास जी का निष्कर्ष है कि यों 'नाट्यशास्त्र' में शास्त्रों जैसी. और सर्वत्र लोक एवं कारीगर एवं अभिनेता का दृष्टिकोण प्रमुख.
रामविलास जी ने संगीत के बारे में जो भी हैं, उसकी ज़मीन आचार्य बृहस्पति की. और रामविलास जी उसमें अपनी दृष्टि मिलाकर हिंदी के पाठक. जैसे हंगरी लोक में आचार्य राग (भोपाली,,,) साफ़ सुनाई हैं - रामविलास.
, मग्यार भाषा तुर्क-परिवार की है और इस में हैं हैं .6
यों भी यह तथ्य कि शास्त्रीय. वे कहते हैं भाषा इतिहास लेखन. इस दृष्टि से वे चार चरणों वाली एक क्रमबद्ध योजना पेश. इनमें देशों का घेरा व्यापक होता.
यूरोप और भारत के की करते हुए
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