ആർക്കെസ്‌ട്ര ഗാന...കുച്ച് എക്‌സ്‌ട്രാ

भप सभी ऑर्केस्ट्रा के नाम से तो परिचित से बहुतो ने कोई ने कोई ऑर्केस्ट्रा सुना ही - बड़े फंकेस्ट्रा ऑर्केस्ट्रा ऑर्केस्ट्रा दिखाई सुने देता दिखाई सुने दिखाई सुने देता दिखाई, की शादी हो या, स्कूल में पेरेंट्स पेरेंट्स पेरेंट्स മീറ്റ്,ഓർക്കസ്ട്ര ഹോനാ ആം ബാത്ത് ഹയിം,കഭി സ്കൂളിൻ്റെ വാർഷിക ഉത്സവത്തിൽ ,കഭി സാനി സെ ഓർക്കെസ്‌ട്ര സൺ സകതേ ഉണ്ട്, അവർ, ബഡേ ബഡേ സംഗീതകാരോം ദ്വാരാ നിർദേശിത്, ഓർകെസ്ട്രയുടെ ധ്വനി മുദ്രാവാക്യം गे हैं. ജിസമേ സേ കയ് ബഹുത ലോകപ്രിയ ഹ്യൂം, റിലക്‌സേഷൻ നാമം കാ ആദരണീയ പാണ്ഡിത്യം ദ്വാര സംഗീത നിർദേശിത്- സംയോജിത ധ്വനി മുദ്ര കാഫി ലോഗോ നേ പസന്ദാ കിയാ.

ഗജൽ: സുന്ദര സംഗീത വിധ

संगीत से चाहे कितना ही अल्प परिचय क्यों न हो!शास्त्रीय संगीत की राग रचना,आलाप,सुरताल का ग्यान हो,न हो,लोक संगीत की सरसता,प्रवाहशीलता में मन बहे न बहे,फ़िल्म संगीतकी सुरीली झंकारों पर पाव थिरके न थिरके,पर गज़ल वह विधा हैं कि हर किसी को पसंदआती हैं,हर किसी को अपनी सी लगती हैं,हर कोई सुनना पसंद करता हैं,गुनगुनाना पसंदकरता हैं,सच कहे तो कभी यह अपने ही दिल कि बात सुनाती सी,कहती सी लगती हैं इसलिएआज जब कई अन्य सांगीतिक विधाये अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही हैं,तब गज़लहर मन छा गई हैं,हर दिल पर राज कर रही हैं।

സിനിമാ സംഗീത കലയും ആജ്‌വിയും

सिनेमा संगीत का नाम सुनते ही ह्रदय के तार झंकृत हो जाते हैं, मन मस्तिष्क पर न जाने कितने नए पुराने गाने छा जाते हैं,सिनेमा संगीत में हर किसी की रूचि हैं,छोटे छोटे बच्चे गाते नज़र आते हैं तू ही रे तू ही रे तेरे बिना मैं कैसे जीउ,तो वृध्ध गाते हैं तू यहाँ मैं वहा जिन्दगी हैं कहा?नवयुवक युवतिया मन ही मन गुनगुनाते हैं ओ पालन हरे निर्गुण ओ न्यारे ......

ശാസ്ത്രീയ സംഗീതം കോ സമാജതി ഉണ്ട്

गोल्डफिश मछलियों को आप भुलक्कड़ या असावधान समझ सकते हैं, लेकिन जब शास्त्रीय संगीत की बात आती है तो उन्हें पता होता है कि उन्हें क्या पसंद है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि इन मछलियों में इतनी समझ होती है वे 18वीं सदी के जर्मन संगीतकार जोहान सेबेस्टियन बाख और 20वीं सदी के रूसी संगीतकार इगोर स्ट्राविंस्की की रचनाओं में अंतर कर सकती हैं।

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय