कोलदहकी नाच
'कोल' शिकारी वर्ग की जनजाति है, जो 'हकवा' करके जानवरों का अथवा गोटी - गुलेल से उड़ती चिड़ियों का शिकार करती थी। उसके इस नृत्य में उसके जीवन की झांकी देखी जा सकती है। गोला या अर्धगोला बनाकर, ढोल बजाकर, बैठकर अथवा खड़े होकर, दिन भर के परिश्रम के बाद, चौपाल लगाकर यह नृत्य किया जाता है। औरतें और बच्चे तमाशबीन होते हैं।
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गीदड़ नृत्य
गीदड़ राजस्थान का प्रसिद्ध लोक नृत्य है। यह नृत्य राजस्थान के शेखावटी क्षेत्र में प्रसिद्ध है।
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करिया झूमर नृत्य
करिया झूमर नृत्य बिहार का लोक नृत्य है। यह एक महिला प्रधान नृत्य है।
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Even if you have to save the world
Even if you have to save the world, practice regularly on daily basis and today is the best day!
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Kesarbai Kerkar
Kesarbai Kerkar (13 July 1892 – 16 September 1977) was an Indian classical vocalist of the Jaipur-Atrauli gharana. A protege of Ustad Alladiya Khan (1855–1946), the founder of the gharana, from age sixteen, she went on to become one of the most noted khayal singers of the second half of the 20th century.
She was awarded the Sangeet Natak Akademi Award in 1953, followed by Padma Bhushan is the third highest civilian award in India, in 1969.
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।