हिन्डोल
यह राग मधुर परन्तु गाने में कठिन है इसीलिए इसे गुरु मुख से सीखना ही उचित है। इस राग में मध्यम तीव्र है और इसे गाने के लिए बहुत रियाज़ की आवश्यकता है। यह राग ज्यादा प्रचलन में नहीं है। यह स्वर संगतियाँ राग हिंडोल का रूप दर्शाती हैं -
सा ; ग म् ध ग म् ग ; म् ग ; ग सा ; ,ध ,ध सा ; ,नि ,म् ,ध सा ; सा ग म् ध ; ग म् ग ; म् ध सा' ; नि म् ध ; ग म् म् ग ; सा ; ,ध ,ध सा;
थाट
राग जाति
गायन वादन समय
राग के अन्य नाम
राग
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संबंधित राग परिचय
हिन्डोल
यह राग मधुर परन्तु गाने में कठिन है इसीलिए इसे गुरु मुख से सीखना ही उचित है। इस राग में मध्यम तीव्र है और इसे गाने के लिए बहुत रियाज़ की आवश्यकता है। यह राग ज्यादा प्रचलन में नहीं है। यह स्वर संगतियाँ राग हिंडोल का रूप दर्शाती हैं -
सा ; ग म् ध ग म् ग ; म् ग ; ग सा ; ,ध ,ध सा ; ,नि ,म् ,ध सा ; सा ग म् ध ; ग म् ग ; म् ध सा' ; नि म् ध ; ग म् म् ग ; सा ; ,ध ,ध सा;
थाट
राग जाति
गायन वादन समय
राग के अन्य नाम
राग
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राग हिंदोल का परिचय
राग हिंदोल का परिचय
वादी: ध
संवादी: ग
थाट: KALYAN
आरोह: सागम॓धनिधसां
अवरोह: सांनिधम॓गसा
पकड़: गम॓धनिधम॓ग म॓गसा
रागांग: उत्तरांग
जाति: AUDAV-AUDAV
समय: दिन का प्रथम प्रहर
विशेष: इसमें पंचम और ऋषभ वर्ज्य है। आरोह में निषाद वक्र रूप से प्रयोग होता है।
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राग हिंदोल का परिचय
राग हिंदोल का परिचय
वादी: ध
संवादी: ग
थाट: KALYAN
आरोह: सागम॓धनिधसां
अवरोह: सांनिधम॓गसा
पकड़: गम॓धनिधम॓ग म॓गसा
रागांग: उत्तरांग
जाति: AUDAV-AUDAV
समय: दिन का प्रथम प्रहर
विशेष: इसमें पंचम और ऋषभ वर्ज्य है। आरोह में निषाद वक्र रूप से प्रयोग होता है।