राग यमन | किशोरी अमोनकर
A peerless artiste of the Jaipur Atrauli gharana, Kishori Amonkar developed her own style with concentrated sadhana. She believes that a raga should be developed so that it unfurls like a bud blooming into a rose, each note coloured with its mood, its feeling. In this audio, the artiste has conveyed the mood of pleasantness through Raga Yaman.
जयपुर अतरौली घराने की एक बेजोड़ कलाकार किशोरी अमोनकर ने केंद्रित साधना के साथ अपनी शैली विकसित की। उनका मानना है कि राग को विकसित किया जाना चाहिए ताकि वह एक कली की तरह खिलकर गुलाब बन जाए, प्रत्येक स्वर अपनी मनोदशा, अपनी भावना से रंगा हो। इस ऑडियो में कलाकार ने राग यमन के माध्यम से मधुरता के भाव को व्यक्त किया है।
- Log in to post comments
- 39 views
संबंधित राग परिचय
यमन
प्रथम पहर निशि गाइये ग नि को कर संवाद।
जाति संपूर्ण तीवर मध्यम यमन आश्रय राग ॥
राग का परिचय -
1) इस राग को राग कल्याण के नाम से भी जाना जाता है। इस राग की उत्पत्ति कल्याण थाट से होती है अत: इसे आश्रय राग भी कहा जाता है (जब किसी राग की उत्पत्ति उसी नाम के थाट से हो)। मुगल शासन काल के दौरान, मुसलमानों ने इस राग को राग यमन अथवा राग इमन कहना शुरु किया।
2) इस राग की विशेषता है कि इसमें तीव्र मध्यम का प्रयोग किया जाता है। बाक़ी सभी स्वर शुद्ध लगते हैं।
3) इस राग को रात्रि के प्रथम प्रहर या संध्या समय गाया-बजाया जाता है। इसके आरोह और अवरोह में सभी स्वर प्रयुक्त होते हैं, अत: इसकी जाति हुई संपूर्ण-संपूर्ण (परिभाषा देखें)।
4) वादी स्वर है- ग संवादी - नि आरोह- ऩि रे ग, म॑ प, ध नि सां। अवरोह- सां नि ध प, म॑ ग रे सा। पकड़- ऩि रे ग रे, प रे, ऩि रे सा।
विशेषतायें-
१) यमन और कल्याण भले ही एक राग हों मगर यमन और कल्याण दोनों के नाम को मिला देने से एक और राग की उत्पत्ति होती है जिसे राग यमन-कल्याण कहते हैं जिसमें दोनों मध्यम का प्रयोग होता है।
२) यमन को मंद्र सप्तक के नि से गाने-बजाने का चलन है। ऩि रे ग, म॑ ध नि सां
३) इस राग में ऩि रे और प रे का प्रयोग बार बार किया जाता है।
४) इस राग को गंभीर प्रकृति का राग माना गया है।
५) इस राग को तीनों सप्तकों में गाया-बजाया जाता है। कई राग सिर्फ़ मन्द्र, मध्य या तार सप्तक में ज़्यादा गाये बजाये जाते हैं, जैसे राग सोहनी तार सप्तक में ज़्यादा खुलता है।
इस राग में कई मशहूर फ़िल्मी गाने भी गाये गये हैं।
- सरस्वती चंद्र से- चंदन सा बदन, चंचल चितवन
- राम लखन से- बड़ा दुख दीन्हा मेरे लखन ने
- चितचोर से- जब दीप जले आना
- भीगी रात से- दिल जो न कह सका वो ही राज़े दिल
- अनपढ़- जिया ले गयो जी मोरा सांवरिया ....
इस राग का प्राचीन नाम कल्याण है। कालांतर में मुगल शासन के समय से इसे यमन कहा जाने लगा। इस राग के अवरोह में जब शुद्ध मध्यम का अल्प प्रयोग गंधार को वक्र करके किया जाता है, तब इस प्रकार दोनों मध्यम प्रयोग करने पर इसे यमन कल्याण कहते हैं।
इस राग का वादी स्वर गंधार, सप्तक के पूर्वांग में होने के कारण यह पूर्वांग प्रधान राग है। इसलिये यमन का स्वर विस्तार सप्तक के पूर्वांग तथा मंद्र सप्तक में विशेष रूप से उभर कर आता है। आलाप और तानों का प्रारंभ अधिकतर निषाद से किया जाता है जैसे - ,नि रे ,नि ,ध सा ; ,नि रे ; ,नि ग ; ,नि म् ग; आदि। आरोह में पंचम का प्रयोग कुछ कम किया जाता है जैसे - म् ध प ; म् ध नि सा', इससे राग का सौन्दर्य निखर आता है। आलाप में अवरोह में म् ग ; म् रे ग ; यह राग वाचक स्वर संगति है अतः म् ग रे सा; लेने की अपेक्षा म् रे ग रे सा; यह लेना राग की सुंदरता को निखारता है। तानों में म् ग रे सा निःसंकोच लिया जाता है।
इस राग की प्रक्रुति सौम्य और गंभीर है। कर्नाटक संगीत पद्धति में इस राग का नाम कल्याणी है। यह स्वर संगतियाँ राग यमन का रूप दर्शाती हैं -
,नि रे ; ,नि रे ग ; ,नि रे ,नि ग ; रे ग ; ,नि म् ग रे सा ; ,नि रे ग ; म् रे ग ; प ; म् ध प ; म् ध नि ; म् ध म् नि ; ग म् ग ; नि ध प ; रे ग ; ,नि रे सा ; ,ध ,नि ,ध सा ; सा ,ध ,नि रे ग ; ,नि रे ग ; ग रे ग ; ,नि रे ,नि ग ; ,नि रे ग म् रे म् ग ; ग रे म् ग ; म् प ; ग म् प रे सा ; ,नि रे सा ; ,नि रे ग म् प ; म् प म् प म् ध प म् प ; म् ध म् नि ; नि ध प ; म् ग ; ध नि म् ध नि ; नि ध प म् ग रे सा ; ,नि रे सा ;
थाट
Tags
राग
- Log in to post comments
- 13821 views
Comments
Raag Yaman and Bollywood songs (available with English Subtitles
Hi! There is now an option to understand the video in English! I have provided subtitles to this video and to get the subtitles, click on the 'CC' option available on the video. For people watching the video via desktop: the 'CC' option is located under the video, right side. For people watching via mobile: there are 3 standing dots on the upper right side of the screen. Click on that and you will find the 'CC' option! Thanks and cheers :)
- Log in to post comments
राग यमन में कई मशहूर फ़िल्मी गाने भी गाये गये हैं।
१. सरस्वती चंद्र से- चंदन सा बदन, चंचल चितवन
२. राम लखन से- बड़ा दुख दीन्हा मेरे लखन ने
३. चितचोर से- जब दीप जले आना
४. भीगी रात से- दिल जो न कह सका वो ही राज़े दिल
५. राजा हिन्दुस्तानी - आये हो मेरी जिन्दगी में
६. परवरीश - आँसू भरी है ये जीवन की राहें
७. जंगली - एहसान तेरा होगा मुझपर
८. पापा कहते हैं - घर से निकलते हीं
९. पाक़िजा - इन्हीं लोगों ने ले लीन्हा दुपट्टा मेरा
१०. पाकिजा - मौसम है आशिकाना
११. अनपढ़ - जीया ले गयो जी मोरा सांवरिया
१२. रिफ्यूजी - मेरे हमसफर मेरे हमसफर मेरे पास
१३. दिल हीं तो है - निगाहें मिलाने को जी चाहता
१४. तीसरी कसम - पान खाये संईया हमार
१५. चित्रलेखा - संसार से भागे फिरते हो
१६. सारंगा - सारंगा तेरी याद में
१७. भजन - श्री रामचंद्र कृपालू भजमन
१८. दीवाना - सोंचेंगे तुम्हें प्यार करें के नहीं
१९. लीडर - तेरे हुस्न की क्या तारीफ करूं
२०. दिल हीं तो है - तुम अगर मुझको
२१. तुम बिन जीवन कैसे बीता
२२. पारसमणी - वो जब याद आये
२३. खामोशी - वो शाम कुछ अजीब थी
२४. हक़ीकत - ज़रा सी आहट होती है
२५. बरसात की रात - जिन्दगी भर नहीं भूलेगी