पंडित जसराज ~ राग बिहगड़ा (क्वीन एलिजाबेथ हॉल, लंदन, अगस्त 1993 में लाइव)
Pandit Jasraj renders a rarely performed Raga Bihagda - an amalgam of Ragas Bihag and Khamaj. This excerpt from the Dhrut Bandish, composed by the legendary Mian Tansen, is from a concert presented by Navras Records and Sama Arts Network at London's Queen Elizabeth Hall (August 1993). Pandit-ji is accompanied by Kedar Pandit (Tabla), Dr Arvind Thatté (Harmonium) and Ratan Mohan Sharma (Vocal Support). The full performance was released on Navras Records Catalogue (Ref: NRCD 0036) and is available under Sony Music India on all digital download and streaming platforms.
पंडित जसराज राग बिहाग और खमाज का एक मिश्रण - दुर्लभ रूप से प्रदर्शित राग बिहगड़ा का प्रतिपादन करते हैं। प्रसिद्ध मियां तानसेन द्वारा रचित ध्रुव बंदिश का यह अंश, लंदन के क्वीन एलिजाबेथ हॉल (अगस्त 1993) में नवरस रिकॉर्ड्स और समा आर्ट्स नेटवर्क द्वारा प्रस्तुत एक संगीत कार्यक्रम से है। पंडित जी के साथ केदार पंडित (तबला), डॉ अरविंद थाटे (हार्मोनियम) और रतन मोहन शर्मा (वोकल सपोर्ट) हैं। पूर्ण प्रदर्शन नवरस रिकॉर्ड्स कैटलॉग (संदर्भ: एनआरसीडी 0036) पर जारी किया गया था और सभी डिजिटल डाउनलोड और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर सोनी म्यूजिक इंडिया के तहत उपलब्ध है।
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संबंधित राग परिचय
बिहागड़ा
वादी: ग
संवादी: नि
थाट: BILAWAL
आरोह: सागमपनिसां
अवरोह: सांनि॒प नि॒ध॒प गमगपमग रेसा
पकड़: ऩि॒ध़॒प़ गमग पमग-सा
रागांग: उत्तरांग
जाति: SHADAV-SAMPURN
समय: रात्रि का द्वितीय प्रहर
विशेष: उभय निषाद।यह राग खमाज एवं बिहाग रागों का मिश्रण है। खमाज से बचाव - प नि सां, सां नि प का प्रयोग बिहाग से बचाव - नि॒ ध प, ग म ग का प्रयोग
थाट
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राग
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राग बिहागड़ा का परिचय
राग बिहागड़ा का परिचय
वादी: ग
संवादी: नि
थाट: BILAWAL
आरोह: सागमपनिसां
अवरोह: सांनि॒प नि॒ध॒प गमगपमग रेसा
पकड़: ऩि॒ध़॒प़ गमग पमग-सा
रागांग: उत्तरांग
जाति: SHADAV-SAMPURN
समय: रात्रि का द्वितीय प्रहर
विशेष: उभय निषाद।यह राग खमाज एवं बिहाग रागों का मिश्रण है। खमाज से बचाव - प नि सां, सां नि प का प्रयोग बिहाग से बचाव - नि॒ ध प, ग म ग का प्रयोग