बागड़ राजस्थान
बिहागड़ा
Pooja
Thu, 14/10/2021 - 09:55
वादी: ग
संवादी: नि
थाट: BILAWAL
आरोह: सागमपनिसां
अवरोह: सांनि॒प नि॒ध॒प गमगपमग रेसा
पकड़: ऩि॒ध़॒प़ गमग पमग-सा
रागांग: उत्तरांग
जाति: SHADAV-SAMPURN
समय: रात्रि का द्वितीय प्रहर
विशेष: उभय निषाद।यह राग खमाज एवं बिहाग रागों का मिश्रण है। खमाज से बचाव - प नि सां, सां नि प का प्रयोग बिहाग से बचाव - नि॒ ध प, ग म ग का प्रयोग
- Read more about बिहागड़ा
- 1 comment
- Log in to post comments
- 194 views