संध्या वंदन में पूजा, आरती, प्रार्थना या करें ध्यान?

कीर्तन : ईश्वर, भगवान, देवता या गुरु के प्रति स्वयं के समर्पण या भक्ति के भाव को व्यक्त करने का एक शांति और संगीतमय तरीका है कीर्तन। इसे ही भजन कहते हैं। भजन करने से शांति मिलती है। भजन करने के भी नियम हैं। गीतों की तर्ज पर निर्मित भजन, भजन नहीं होते। शास्त्रीय संगीत अनुसार किए गए भजन ही भजन होते हैं। सामवेद में शास्त्रीय सं‍गीत का उल्लेख मिलता है। नवधा भक्ति में से एक है कीर्तन।

अद्भुत औषधि है कीर्तन...!

गीत-संगीत से होता है कई बीमारियों का इलाज

बीमारियों का इलाज अब सिर्फ दवाइयों से ही नहीं, बल्कि अपरंपरागत उपचार विधियों से भी किया जाने लगा है। सुगंध, स्पर्श से लेकर संगीत द्वारा भी बहुत सी बीमारियों का इलाज किया जाने लगा है। बहुत से शोधों के उपरांत चिकित्सा विज्ञान भी यह मानने लगा हैं कि प्रतिदिन 20 मिनट अपनी पसंद का संगीत सुनने से रोजमर्रा की होने वाली बहुत-सी बीमारियों से निजात पाई जा सकती है।
हाल ही में खबर आई है कि कई दिनों से कोमा में पड़ा एक बच्चा अपनी मां की लोरी सुनकर होश में आ गया। यह सिद्ध करता है कि ध्वनि तरंगों के माध्यम से भी उपचार किया जा सकता है।

प. भीमसेन जोशी भारत रत्न के असली हकदार

किराना घराने के प्रख्यात शास्त्रीय गायक पं. भीमसेन जोशी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न मिलने पर संगीत जगत से जुड़ी तमाम हस्तियों ने कहा है कि वे भारत रत्न के असली हकदार थे और सरकार से अपील की कि प्रतिभा का सम्मान वक्त रहते करना चाहिए।

प्रसिद्ध खयाल गायक जोड़ी राजन साजन मिश्र के साजन मिश्र ने कहा पंडित भीमसेन जोशी को भारत रत्न मिलने की हम दोनों को ही नहीं, बल्कि पूरी संगीत बिरादरी को बेहद खुशी है। वे भारतीय संगीत जगत के महानायक हैं और ऐसे कलाकारों को भारत रत्न से नवाजने के लिए सरकार भी बधाई की पात्र है।

ख्याल गायकी के भगवंत -> पं. भीमसेन जोशी

उनका आभामंडल सुरों की पवित्रता से दमकता रहता है... सुर उनके गले में स्थान पाकर अपने आप को धन्य समझते हैं, क्योंकि वे जब भी गाते हैं बिलकुल सच्चा और शुद्ध गाते हैं।

पं. भीमसेन जोशी भारतीय शास्त्रीय संगीत और किराना घराने के ऐसे आधार स्तंभ हैं जिन्होंने कलाकार बनने की हरेक सीढ़ी को केवल मेहनत के बल पर ही पार किया है और ऐसी मेहनत को अगर भारतरत्न मिलता है तो निश्चित रूप से न केवल कलाकारों व उनके चाहने वालों को खुशी होती है बल्कि स्वयं संगीत भी अपने आप को धन्य समझता है।

संगीत दोस्त की तरह है-शुभा बीबीसी 'एक मुलाकात' में शुभा मुदगल

मशहूर गायिका शुभा मुदगल, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत और लोकप्रिय संगीत का अद्भुत मेल करने की कोशिश की है। शुभा मुदगल शास्त्रीय संगीत सुनने वालों और लोकप्रिय संगीत के दीवाने युवाओं के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

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