सैंधवी
सैंधवी राग काफी ठाठ का राग है | सैंधवी राग गाने और सुनने में बहुत ही मधुर राग है
- Read more about सैंधवी
- Log in to post comments
- 289 views
भैरवी
यह भैरवी थाट का आश्रय राग है। हालांकि इस राग का गाने का समय प्रातःकाल है पर इस राग को गाकर महफिल समाप्त करने की परंपरा प्रचार में है। आजकल इस राग में बारह स्वरों का स्वतंत्र रूप से प्रयोग करने का चलन बढ़ गया है जिसमें कलाकार कई रागों के अंगों का प्रदर्शन करते हैं। यह राग भाव-अभिव्यक्ति के लिए बहुत अनुकूल तथा प्रभावकारी है। इसके पूर्वांग में करुण तथा शोक रस की अनुभूति होती है। और जैसे ही पूर्वार्ध और उत्तरार्ध का मिलाप होता है तो इस राग की वृत्ति उल्हसित हो जाती है।
- Read more about भैरवी
- 3 comments
- Log in to post comments
- 8840 views
मालकौन्स
राग मालकौन्स रात्रि के रागों में बहुत ही लोकप्रिय राग है। इस राग के युगल स्वरों में परस्पर संवाद अधिक होने से इसमें मधुरता टपकती है। इस राग का चलन विशेषतया मध्यम पर केंद्रित रहता है। मध्यम पर निषाद, धैवत तथा गंधार स्वरों पर आन्दोलन करके मींड के साथ आने से राग का स्वतंत्र अस्तित्व झलकता है। इस राग का विस्तार तीनों सप्तकों में समान रूप से किया जाता है। इस राग की प्रक्रुति शांत व गंभीर है। यह स्वर संगतियाँ राग मालकौन्स का रूप दर्शाती हैं -
राग के अन्य नाम
- Read more about मालकौन्स
- 1 comment
- Log in to post comments
- 42699 views
सूरमल्लार
राग सूरमल्लार वर्षा ऋतु में दिन के दूसरे पहर में गाया जाने वाला राग सारंग और राग मल्लार के योग से बना राग। यह राग सूरमल्लार गाने और सुनने में बहुत ही मधुर राग है |
- Read more about सूरमल्लार
- 1 comment
- Log in to post comments
- 736 views
सोहनी
यह उत्तरांग प्रधान राग है। इसका विस्तार तार सप्तक में अधिक होता है। यदि इस राग का मंद्र सप्तक में विस्तार किया गया तो राग पूरिया दिखने लगता है और यदि रिषभ और धैवत को प्रबल करके मध्य सप्तक में गाएं तो राग मारवा दिखने लगता है।
- Read more about सोहनी
- Log in to post comments
- 5557 views
राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।