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सूरमल्लार

राग सूरमल्लार वर्षा ऋतु में दिन के दूसरे पहर में गाया जाने वाला राग सारंग और राग मल्लार के योग से बना राग। यह राग सूरमल्लार गाने और सुनने में बहुत ही मधुर राग है | 

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Pooja Mon, 19/04/2021 - 22:38

राग सुर मल्हार का परिचय
वादी: म
संवादी: सा
थाट: KAFI
आरोह: सारेमपनिसां
अवरोह: सांनि॒प मपनि॒धप मरेऩिसा
पकड़: सारेप मनि॒मप नि॒धपम रेसा
रागांग: उत्तरांग
जाति: AUDAV-SHADAV
समय: दिन का द्वितीय प्रहर
विशेष: न्यास-सा म प। यह मल्हार का एक प्रकार है। आरोह में नि और अवरोह में नि॒ का प्रयोग होता है। सारंग से बचने केलिये ध का प्रयोग। सदृश-वृन्दावनी सारंग, सोरठ, सामंत।
 

संबंधित राग परिचय

राग सूरमल्लार वर्षा ऋतु में दिन के दूसरे पहर में गाया जाने वाला राग सारंग और राग मल्लार के योग से बना राग। यह राग सूरमल्लार गाने और सुनने में बहुत ही मधुर राग है | 

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Pooja Mon, 19/04/2021 - 22:38

राग सुर मल्हार का परिचय
वादी: म
संवादी: सा
थाट: KAFI
आरोह: सारेमपनिसां
अवरोह: सांनि॒प मपनि॒धप मरेऩिसा
पकड़: सारेप मनि॒मप नि॒धपम रेसा
रागांग: उत्तरांग
जाति: AUDAV-SHADAV
समय: दिन का द्वितीय प्रहर
विशेष: न्यास-सा म प। यह मल्हार का एक प्रकार है। आरोह में नि और अवरोह में नि॒ का प्रयोग होता है। सारंग से बचने केलिये ध का प्रयोग। सदृश-वृन्दावनी सारंग, सोरठ, सामंत।