यह बहुत ही मीठा राग है। यह बागेश्री से मिलता जुलता राग है। आरोह में शुद्ध गंधार लगाने से यह राग बागेश्री से अलग होता है। इसमें आरोह में शुद्ध गंधार और अवरोह में कोमल गंधार का प्रयोग किया जाता है।
यह बहुत ही मीठा राग है। यह बागेश्री से मिलता जुलता राग है। आरोह में शुद्ध गंधार लगाने से यह राग बागेश्री से अलग होता है। इसमें आरोह में शुद्ध गंधार और अवरोह में कोमल गंधार का प्रयोग किया जाता है।