അമീർ ഖുസ്രോ ജീവചരിത്രം
अबुल हसन अमीर ख़ुसरु चौदहवीं सदी के आसपास दिल्ली के पास रहने वाले एक प्रमुख कवि (शायर), गायक और संगीतकार थे। खुसरो को हिन्दुस्तानी खड़ीबोली का पहला लोकप्रिय कवि माना जाता है।किसके द्वारा? वे अपनी पहेलियों और मुकरियों के लिए जाने जाते हैं। सबसे पहले उन्हीं ने अपनी भाषा को हिन्दवी का उल्लेख किया था। वे फारसी के कवि भी थे। उनको दिल्ली सल्तनत का आश्रय मिला हुआ था। उनके ग्रंथो की सूची लम्बी है। साथ ही इनका इतिहास स्रोत रूप में महत्त्व है।
आरंभिक जीवन :
- Read more about അമീർ ഖുസ്രോ ജീവചരിത്രം
- Log in to post comments
- 935 views
രാഹുൽ ദേവ് ബർമൻ
राहुल देव बर्मन हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। इन्हें पंचम या 'पंचमदा' नाम से भी पुकारा जाता था। मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन व उनकी पत्नी मीरा की ये इकलौती संतान थे। अपनी अद्वितीय सांगीतिक प्रतिभा के कारण इन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में एक माना जाता है। माना जाता है कि इनकी शैली का आज भी कई संगीतकार अनुकरण करते हैं। पंचमदा ने अपनी संगीतबद्ध की हुई 18 फिल्मों में आवाज़ भी दी। भूत बंगला (1965 ) और प्यार का मौसम (1969) में इन्होने अभिनय भी किया।
आरम्भिक जीवन :
- Read more about രാഹുൽ ദേവ് ബർമൻ
- Log in to post comments
- 155 views
ഹണി സിംഗ്
हनी सिंह (जिन्हें यो! यो! हनी सिंह के नाम से भी जाना जाता है) एक पंजाबी रैप गायक, संगीतकार, गायक और फिल्म अभिनेता हैं। हनी सिंह ने अपने कार्यकाल की शुरुआत एक सत्र और रिकॉर्डिंग कलाकार के तौर पर २००६ में की थी और जल्द ही वह एक भांगड़ा संगीतकार बन गए। हनी सिंह ने अपना हाथ बॉलीवुड में भी आज़माया है और वर्तमान में वो किसी एक गाने के लिए सबसे ज्यादा पारिश्रमिक लेने वाले कलाकार बन गए है। आजकल लगभग हर फिल्म में उनका एक गाना होता ही है। रैप गायन इन्होने इंगलैंड के ट्रिनिटी विश्वविद्दालय (स्कूल ऑफ ट्रिनिटी) में सीखा था।
प्रारंभिक जीवन :
- Read more about ഹണി സിംഗ്
- Log in to post comments
- 46 views
എൽ. സുബ്രഹ്മണ്യം
एल. सुब्रमण्यम एक प्रतिभाशाली भारतीय वायलिन वादक, संगीतकार और दक्षिण भारतीय एवं पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का कर्नाटक संगीत के साथ कुशल संयोजक करनेवाले प्रतिभाशाली कलाकार हैं. इनके द्वारा संयोजित संगीत की धुनें अपने-आप में अनोखी हैं. ये महज एक वायलिन वादक ही नहीं हैं अपितु इन्हें संगीत के क्षेत्र में तकनीक और नये प्रयोगों के क्रांतिकारी परिवर्तनकर्ता के रूप में जाना जाता है.
- Read more about എൽ. സുബ്രഹ്മണ്യം
- Log in to post comments
- 129 views
താൻസെൻ
तानसेन का जन्म सन् 1506 में हुआ था. जिनका नाम तब तन्ना पड़ा था. संगीत का और ज्ञान अर्जित करने के लिए उन्हें स्वामी जी ने हजरत मुहम्मद गौस के पास ग्वालियर भेज दिया. संगीत का पर्याप्त ज्ञान अर्जित करने के बाद तानसेन पुनः स्वामी हरिदास के पास मथुरा लौट आये. यहाँ उन्होंने स्वामी जी से ‘नाद’ विद्या सीखी. अब तक तानसेन को संगीत में अद्भुत सफलता मिल चुकी थी. इनके संगीत से प्रभावित होकर रीवां – नरेश ने इन्हें अपने दरबार का मुख्य गायक बना दिया. रीवां – नरेश के यहाँ अकबर को तानसेन का संगीत सुनने का अवसर मिला.
- Read more about താൻസെൻ
- Log in to post comments
- 1328 views
राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।