कथकली-केरल
* मुखौटा नृत्य इसी से सम्बंधित है ,( केवल पुरुष कलाकारों द्वारा)
* केरल के दक्षिण - पश्चिमी राज्य का एक समृद्ध और फलने फूलने वाला नृत्य कथकली यहां की परम्परा है।
* कथकली का अर्थ है एक कथा का नाटक या एक नृत्य नाटिका।
* कथा का अर्थ है कहानी, यहां अभिनेता रामायण और महाभारत के महाग्रंथों और पुराणों से लिए गए चरित्रों को अभिनय करते हैं।
* कथकली अभिनय, 'नृत्य' (नाच) और 'गीता' (संगीत) तीन कलाओं से मिलकर बनी एक संपूर्ण कला है।
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भरतनाट्यम् ― तमिलनाडु
भरत नाट्यम, भारत के प्रसिद्ध नृत्यों में से एक है तथा इसका संबंध दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य से है
* भरत नाट्यम में नृत्य के तीन मूलभूत तत्वों को कुशलतापूर्वक शामिल किया गया है।
* ये हैं भाव अथवा मन:स्थिति, राग अथवा संगीत और स्वरमार्धुय और ताल अथवा काल समंजन।
* भरत नाट्यम की तकनीक में, हाथ, पैर, मुख, व शरीर संचालन के समन्वयन के 64 सिद्धांत हैं, जिनका निष्पादन नृत्य पाठ्यक्रम के साथ किया जाता है।
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मध्य प्रदेश के प्रमुख लोकनृत्य
1) करमा नृत्य : मध्य प्रदेश के गोंड और बैगा आदिवासियों का प्रमुख नृत्य है। जो मंडला के आसपास क्षेत्रों में किया जाता है। करमा नृत्य गीत कर्म देवता को प्रशन्न करने के लिए किया जाता है। यह नृत्य कर्म का प्रतीक है। जो आदिवासी व लोकजीवन की कर्म मूलक गतिविधियों को दर्शाता है। यह नृत्य विजयदशमी से प्रारंभ होकर वर्षा के प्रारंभ तक चलता है। ऐसा माना जाता है कि करमा नृत्य कर्मराजा और कर्मरानी को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है इसमें प्रायः आठ पुरुष व आठ महिलाएं नृत्य करती है। ये गोलार्ध बनाकर आमने सामने खड़े होकर नृत्य करते है। एक दल गीत उठता है और दूसरा दल दोहराता है | वाध्य यन्त्र मादल का प्रयोग
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शास्त्रीय संगीत के बेताज बादशाह हैं पंडितजी
ख्यात शास्त्रीय गायिका पद्मश्री पद्मजा फेणाणी जोगलेकर ने पंडित भीमसेन जोशी को भारत रत्न दिए जाने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि पंडितजी शास्त्रीय संगीत के बेताज बादशाह हैं और उन्हें यह सम्मान बहुत पहले मिल जाना चाहिए था।
सुश्री पद्मजा ने वेबदुनिया से बातचीत में कहा कि पंडित जोशी ने अपार कष्ट झेलकर स्वरों का महल खड़ा किया है। संगीत साधना के लिए उन्होंने बचपन में ही घर छोड़ दिया था। सवाई गंधर्व समेत कई गुरुओं के सान्निध्य में उन्होंने कठोर कला साधना की।
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विनोद नागपाल
Vinod Nagpal (born 26 September 1940) is an Indian film, stage and television actor and a trained classical singer, who mainly works in Hindi cinema.[1][2] He has almost appeared in movies as a Character actor. He made his screen debut with Chashme Buddoor (1981).
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।