പ്രൺ നാഥ് (സംഗീതജ്ഞൻ)
Pandit Pran Nath (Devanagari: पंडित प्राणनाथ) (3 November 1918 – 13 June 1996) was an Indian classical singer and master of the Kirana gharana singing style. Promoting traditional raga principles, Nath exerted an influence on notable American minimalist and jazz musicians, including La Monte Young, Terry Riley, and Don Cherry] He began performing in the United States in the 1970s, and established the Kirana Center for Indian Classical Music in 1972; he subsequently taught in various universities across the US and Europe.
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ഡി വി പലൂസ്കർ
Pandit Dattatreya Vishnu Paluskar (28 May 1921 – 26 October 1955), was a Hindustani classical vocalist. He was considered a child prodigy.
Early life and background
D.V. Paluskar was born in Nasik, Maharashtra to well-known Hindustani musician Vishnu Digambar Paluskar.[His original surname was Gadgil, but as they hailed from the village Palus (near Sangli), they came to be known as the "Paluskar" family.
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ഷാനോ ഖുറാന
Shanno Khurana (born 1927) is a noted Indian classical vocalist and composer, from the Rampur-Sahaswan gharana of Hindustani classical music. A disciple of the doyen of the gharana, Ustad Mushtaq Hussain Khan (d. 1964), she is known for performing rare bandish and raag, though her singing style includes genres like khayal, tarana, thumri, dadra, tappa, to chaiti and bhajan. Born and brought up in Jodhpur, she started singing on All India Radio in 1945 in Lahore, later shifted to Delhi, where she continued her singing on All India Radio, Delhi and in concerts and music festivals.
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തുംബുരു, സംഗീതജ്ഞൻ, ദേവന്മാരുടെ ഗായകൻ
हिन्दू पौराणिक कथाओं में तुम्बुरु गायकों में सर्वश्रेष्ठ और गंधर्वों के महान संगीतकार हैं। उन्होंने दिव्य देवताओं के दरबार के लिए संगीत और गीतों की रचना की थी। पुराणों में तुम्बरू या तुम्बुरु को ऋषि कश्यप और उनकी पत्नी प्रभा के पुत्र के रूप में वर्णित किया गया है।
तुम्बरू को अक्सर गंधर्वों में सर्वश्रेष्ठ बताया जाता है। वह देवताओं की उपस्थिति में गाता है। नारद के समान, उन्हें गीतों का राजा भी माना जाता है। प्राचीन पुराणों के अनुसार, नारद को तुम्बुरु का शिक्षक माना जाता है। कहा जाता है कि नारद और तुम्बुरु भगवान विष्णु की महिमा गाते हैं।
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എ ആർ റഹ്മാൻ
अल्लाह रक्खा रहमान हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार हैं। इनका जन्म ६ जनवरी १९६७ को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ। जन्म के उपरांत उनका नाम ए. एस. दिलीपकुमार मुदलियार रखा गया था, जिसे बाद में बदलकर वे ए. आर. रहमान बनें। सुरों के बादशाह रहमान ने अपनी मातृभाषा तमिऴ के अलावा हिंदी और कई अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी संगीत दिया है। टाइम्स पत्रिका ने उन्हें मोजार्ट ऑफ मद्रास की उपाधि दी।
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।