ക്ലാസിക്കൽ വിഭാഗങ്ങൾ കയ്പേറിയ ഔഷധമല്ല

भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य की तुलना हमेशा बॉलीवुड संगीत से होती रही है। लोगों के मन में एक धारणा है कि शास्त्रीय नृत्य और संगीत कठिन है। पर बर्लिन आईं भरतनाट्यम नर्तकी अंजना राजन इससे इत्तेफाक नहीं रखतीं।

अंजना राजन कहती हैं, शास्त्रीय संगीत या नृत्य कोई कड़वी दवा थोड़ी ही है जिसे पीकर हमें ठीक होना है। यह एक मनोरंजन है। बिलकुल फिल्मी गीतों और डांस की तरह ही। भारत की कलाक्षेत्र अकादमी से भरतनाट्यम की शिक्षा ले चुकीं अंजना राजन मानती हैं कि जैसे हमें कोई भाषा सीखना पड़ती है वैसे ही नृत्य की भाषा भी सीखनी पड़ती है।

കല്ലുകൾ പാടിയ കിഷോരി അമോങ്കർ എന്ന ഗാനം

जयपुर अतरौली घराने की गायकी के मर्म और ममत्व की खूबियों-बारीकियों को गहराई से सीखने-समझने में पारंगत होने के बाद इसे अपनी गायन-शैली में शामिल करने वाली किशोरी अमोणकर ने अपनी गायकी में नए-नए आविष्कार करते हुए भारतीय शास्त्रीय संगीत के महाद्वीप में अपना मौलिक स्थान बनाया था। उन्होंने अपनी गायकी को एक अनोखे अंदाज में तराशते हुए जिस तरह से संवारा था, उससे उनकी गायन शैली में एक गहरा चिंतन और एक गहरी समझ दिखाई पड़ती है।

भारतीय संगीताने जगासमोर रंगत आणली

पंडित जसराज मानते हैं कि भारतीय शास्त्रीय संगीत पर पश्चिमी सभ्यता का कोई असर नहीं पड़ा है। इस संगीत को बढ़ावा देने के लिए वह अपने साथियों के साथ देश के कई शहरों में कार्यक्रमों की सीरिज शुरू की है। उनका खास इंटरव्यू...

ശ്രുതിമധുരമായ സംഗീത ജീവിതം

संगीत एक सर्वाधिक सुरीली मानवीय क्रिया है। वह नाद स्वर ही था, जिससे इस संसार की रचना हुई थी। संगीत एक ऐसी विधा है, जिससे मानव भावना को सृजित किया जा सकता है तथा भावनाओं को अभिव्यक्त किया जा सकता है। यह संगीत है, जो मस्तिष्क को सुकून प्रदान करता है। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा, जो कभी न कभी संगीत से अभिभूत न हुआ होगा। जहाँ तक भारत का प्रश्न है सदियों से हमारा संगीत से नाता रहा है।

അമിതാഭിന് ഭാരതരത്നം ലഭിക്കണം: ലത

सुर साम्राज्ञी भारत रत्न लता मंगेशकर कहती हैं कि अमिताभ बच्चन का हिंदी सिनेमा जगत को जो योगदान है वो अमूल्य है.

लता जी कहती हैं, ''अमिताभ बच्चन इस उम्र में भी काम कर रहे हैं. काम के प्रति उनका उत्साह देखते ही बनता है, मुझे लगता है कि उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए.''

हाल ही में अपना 82वां जन्मदिन मनाया लता मंगेशकर ने. उनके जन्मदिन के मौके पर एक म्यूज़िक रिकॉर्ड कंपनी ने लता जी के मराठी भाषा में गाये गानों का एक एल्बम निकला. लता जी ने बताया की इस एल्बम में 1942 से लेकर आज तक के उनके गाये हुए सारे मशहूर गाने हैं.

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय