प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (मौखिक पाठ्यक्रम )
मौखिक
1. निम्नलिखित 15 रागों का विस्तृत अध्ययन - देवगिरी बिलावल, यमनी बिलावल, श्यामकल्याण, गोरख कल्याण, मेघ मल्हार, जैताश्री, भटियार, मियां की सांरग, सूहा, नायकी कान्हड़ा, हेमन्त, कौसी कान्हड़ा, जोगकौंस, बिलासखानी तोड़ी, झिंझोटी।
2. उपर्युक्त सभी रागों में विलम्बित तथा दुत खयालों की विस्तृत रूप से गाने की पूर्ण तैयारी। इनमें से कुछ रागों में धु्रपद, धमार, तराना, चतुरंग आदि कुशलता पूर्वक गाने का अभ्यास। अपनी पसंद के रागों में ठुमरी, भजन या भावगीत सुन्दर ढंग से गाने की तैयारी।
3. निम्नलिखित 15 रागों का पूर्ण परिचय, आलाप द्वारा इनके स्वरूप का स्पष्ट रूप से प्रदर्शन तथा इनमें कोई भी एक.एक बंदिश गाने या बजाने का अभ्यास - बिहागड़ा, नट बिहाग, जैत कल्याण, रामदासी मल्हार, शुक्ल बिलावल, भंखार, गुणकली (भैरव थाट), शिवमत भैरव, सुघरई, गौरी (भैरव थाट), ललिता गौरी, बरवा, खम्बावती, पटमंजरी (काफी थाट), काफी कन्हड़ा।
4. प्रथम से सप्तम वर्षों तथा इस वर्ष के सभी रागों की पहचान में निपुणता।
5. प्रचलित तालों को ताली देकर विभिन्न लयकारियों में बोलने का पूर्ण अभ्यास तथा उनके ठेकों को तबले पर बजाने का ज्ञान।
6. निम्नलिखित तालों का पूर्ण परिचय तथा इन्हें ताली देकर सभी लयकारियों में बोलने का अभ्यास - अष्टमंगल, अर्जुन ताल, शिखर ताल तथा कुम्भ ताल।
महाविद्यालय
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