1. एक से आठ अणु तथा उनका पद संचालन, ठाह तथा दुगुन लय में व्यक्त करना। 2. 10 असंयुक्त मुद्रा दिखाने की योग्यता। 3. तिस्त्रम्, रूपकम् तथा आदि ताल को हाथ से ताली देकर दिखाना। महाविद्यालय प्रयाग संगीत समिति Paper Practical (क्रियात्मक) पाठ्यक्रम विषय भरतनाट्यम 22 views