റിയാസ് എങ്ങനെ ചെയ്യണം
रियाज़ करने की शुरुआत के लिए आप इस प्रकार से कोशिश करें -
1) संगीत सीखने का सबसे पहला पाठ और रियाज़ ओंकार . 3 महीनो तक आप रोज़ सुबह कम से कम 30 मिनट 'सा' के स्वर में ओंकार का लगातार अभ्यास करें.
2) अगर आप और समय दे सकते हैं तो ओंकार रियाज़ करने के बाद 5 मिनट आराम कर के, सरगम आरोह अवरोह का धीमी गति में 30 मिनट तक रियाज़ करें. जल्दबाजी नहीं करें.
3) सरगम का रियाज़ करते समय स्वर ठीक से लगाने का पूरा ध्यान रखें. अगर स्वर ठीक से नहीं लग रहा है तो बार बार कोशिश करें. संगीत अभ्यास में लगन की जरूरत होती है और शुरुआत में बहुत धीरज और इत्मीनान चाहिए.
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ഇന്ത്യൻ സംഗീതത്തിലെ ആത്മീയതയുടെ ഉറവിടങ്ങൾ
भारतीय संगीत मूल रूप में ही आध्यात्मिक संगीत है। भारतीय संगीत को ईश्वर प्राप्ति का मार्ग माना है तो कहीं साक्षात ईश्वर माना गया है। अध्यात्म अर्थात व्यक्ति के मन को ईश्वर में लगाना व व्यक्ति को ईश्वर का साक्षात्कार कराना अध्यात्म कहलाता है संगीत को अध्यात्मिक अभिव्यक्ति का साधन मानकर संगीत की उपासना की गई है। संगीत को ईश्वर उपासना हेतु मन को एकाग्र करने का सबसे सशक्त माध्यम माना गया है। वेदों में उपासना मार्ग अत्यंत सहज तथा ईश्वर से सीधा सम्पर्क स्थापित करने का सरल मार्ग बताया है। संगीत ने भी उपासना मार्ग को अपनाया है।
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നിങ്ങൾക്ക് നന്നായി പാടാൻ കഴിയുമോ എന്ന് എങ്ങനെ അറിയാം
आप जब गाते हों तो हो सकता है की आपको लगता हो की बहुत अच्छा गाना गाते हैं लेकिन यह कैसे पता चले की आप सच में एक अच्छे गायक हैं । अगर आप अपनी आवाज़ को अच्छे से जांचना चाहते हों तो ऐसा आप कर सकते हैं । इसके लिए आपको बस अपने आप को ध्यान से सुनने की ज़रुरत है और औरों से अपनी आवाज़ के बारे में सुझाव लेना ज़रूरी है
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എന്തുകൊണ്ടാണ് ലതാ മങ്കേഷ്കർ വിവാഹം കഴിക്കാത്തത്?
दरअसल घर के सभी सदस्यों की ज़िम्मेदारी मुझ पर थी. ऐसे में कई बार शादी का ख़्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी.
बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी. बहुत ज़्यादा काम मेरे पास रहता था.
सोचा कि पहले सभी छोटे भाई बहनों को व्यवस्थित कर दूं. फिर कुछ सोचा जाएगा. फिर बहन की शादी हो गई. बच्चे हो गए. तो उन्हें संभालने की ज़िम्मेदारी आ गई. और इस तरह से वक़्त निकलता चला गया.
किशोर दा से वो पहली मुलाक़ात
40 के दशक में जब मैंने फिल्मों में गाना शुरू ही किया था. तब मैं अपने घर से लोकल पकड़कर मलाड जाती थी.
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Bhairavi
Bhairavi (Sanskrit: भैरवी) is a Hindu goddess, described as one of the Mahāvidyas, the ten avatars of the mother goddess. She is the consort of Dakṣiṇāmūr
Etymology
The name Bhairavi means "terror" or "awe-inspiring".
Iconography
Bhairava with his consort, Bhairavi.
Her dhyana shloka in the Devi Mahatmya describes her form. She wears red garments and wears a garland of severed heads around her neck. She has three eyes and her head is adorned with a crescent moon.
Tripura Sundari and Tripura Bhairavi are closely associated but different.[4]
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राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।