இந்திய இசை பற்றி தெரியும்

संगीत हम सभी को लुभाता है। कहा जाता है कि संगीत के पीछे खुदा चलता है। संगीत की महत्ता इसी बात से पता चल जाती है। शायद ही कोई व्यक्ति होगा, जिसे संगीत पसंद न हो। आइए संगीत के बारे में हम जानते हैं।

भारतीय संगीत प्राचीनकाल से ही सुना जाता रहा है। इस संगीत का मूल स्रोत वेदों को माना जाता है। हिन्दू परंपरानुसार ब्रह्मा ने नारद मुनि को संगीत वरदान स्वरूप दिया था।

संगीत के स्वर भारतीय संगीत के सात शुद्ध स्वर होते हैं। ये हैं- षड्‍ज (सा), ऋषभ (रे), गंधार (ग), मध्यम (म), पंचम (प), धैवत (ध), निषाद (नी)।

கிஷோரி அமோனகர் உர்ஃப் கீத காய பத்தரோம் நே

जयपुर अतरौली घराने की गायकी के मर्म और ममत्व की खूबियों-बारीकियों को गहराई से सीखने-समझने में पारंगत होने के बाद इसे अपनी गायन-शैली में शामिल करने वाली किशोरी अमोणकर ने अपनी गायकी में नए-नए आविष्कार करते हुए भारतीय शास्त्रीय संगीत के महाद्वीप में अपना मौलिक स्थान बनाया था। उन्होंने अपनी गायकी को एक अनोखे अंदाज में तराशते हुए जिस तरह से संवारा था, उससे उनकी गायन शैली में एक गहरा चिंतन और एक गहरी समझ दिखाई पड़ती है।

Bhairavi

Bhairavi (Sanskrit: भैरवी) is a Hindu goddess, described as one of the Mahāvidyas, the ten avatars of the mother goddess. She is the consort of Dakṣiṇāmūr

Etymology
The name Bhairavi means "terror" or "awe-inspiring".

Iconography

Bhairava with his consort, Bhairavi.
Her dhyana shloka in the Devi Mahatmya describes her form. She wears red garments and wears a garland of severed heads around her neck. She has three eyes and her head is adorned with a crescent moon.

Tripura Sundari and Tripura Bhairavi are closely associated but different.[4]

Saindhavi

Saindhavi is a Carnatic music vocalist and an Indian film playback singer. She has been performing from the age of 12.

Personal life
Saindhavi married her schoolmate, composer G. V. Prakash Kumar, on 27 June 2013 in Chennai, India. They were in relationship for 12 years before their wedding.[citation needed] The couple have a daughter

Discography
Some of Saindhavi's Tamil film songs are listed here

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय