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प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (शुद्ध सिद्धान्त पाठ्यक्रम ) प्रथम प्रश्नपत्र

प्रवीण संगीताचार्य (VIII Year) - गायन (शुद्ध सिद्धान्त पाठ्यक्रम ) प्रथम प्रश्नपत्र

 प्रथम प्रश्न पत्र - शुद्ध सिद्धान्त 

  • 1. प्रथम से सप्तम वर्ष के पाठ्यक्रम में दिये गये संगीत शास्त्र सम्बन्धी सभी विषयों और पारिभाषिक शब्दों का विस्तृत और आलोचनात्मक अध्ययन।
  • 2. मध्य कालीन तथा आधुनिक कालीन भारतीय संगीत के इतिहास और विकास का विस्तृत अध्ययन।
  • 3. हिन्दुस्तानी संगीत के विकास में अमीर खुसरो, अहोबल, स्वामी हरिदास, तानसेन, राजा मानसिंह तोमर, सुलतान हुसैन शर्की, नेमत खां (सदारंग), खुसरो खां, नवाब वाजिद अली शाह, हस्सूहदू खां, ठाकुर नवाब अली, पं० विष्णु नारायण भातखंडे, पं० विष्णु दिगम्बर पुलस्कर, ठाकुर ओंकारनाथ, कैलाश चन्द्र देव बृहस्पति आदि का योगदान।
  • 4. चौदहवीं से अठारहवीं शताब्दी तक के निम्नांकित संगीत ग्रंथों का विस्तृत अध्ययन - लोचन कृत राग तरंगिणी, रामामात्य कृत स्वर मेल कलानिधि, हृदय नारायण कृत हृदय कौतुक तथा हृदय प्रकाश, सोमनाथ कृत राग विबोध, अहोबल कृत संगीत पारिजात, श्री निवास कृत राग तत्व विबोध, व्यंकटमखी कृत चतुर्दंडिप्रकाश।
  • 5. 19वीं तथा 20वीं शताब्दियों में भारतीय संगीत का विकास तथा इस काल के ग्रंथों का विशेष अध्ययन।
  • 6. उत्तर तथा दक्षिण भारतीय संगीत पद्धतियों का पार्थक्य तथा इस पार्थक्य का कारण, आरम्भ तथा विकास।
  • 7. भारतीय संगीत पर विदेशी संगीत के प्रभाव के विषय में आलोचनात्मक अध्ययन। 8. भारतीय संगीत की आध्यात्मिक विशेषताओं का विस्तृत अध्ययन।
  • 9. संगीत में रस तत्व की सैद्धान्तिक विवेचना। सौंदर्यशास्त्र का ज्ञान। 10. संगीत की कलात्मक और वैज्ञानिक दृष्टियों में अन्तर। ललित कलाओं में संगीत का स्थान।
  • 11. स्वतंत्र भारत में संगीत तथा इसके प्रचार और प्रसार के सम्बन्ध में शासन तथा अन्य संस्थाओं द्वारा प्रयास।
  • 12. भारतीय संगीत में प्रचलित विभिन्न तंत्र तथा सुषिर वाद्यों की उत्पत्ति और विकास के सम्बन्ध में विस्तृत अध्ययन। 
  • 13. राग.रागिनी वर्गीकरण के सम्बन्ध में नाट्यशास्त्र, वृहद्देशी, संगीत मकरंद, संगीत दर्पण, हनुमत मत, शिव मत, सोमेश्वर मत, कल्लीनाथ मत, भरत मत, रागांग पद्धति, थाट.राग पद्धति का विस्तृत अध्ययन। 
  • 14. संगीत शास्त्र सम्बन्धी विषयों पर लेख लिखने की पूर्ण क्षमता।
 

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