❤️ Humne dekhi hai un aankhon ki ❤️ RAAG PILU ❤️ Sing along! Play along!
Song: Humne dekhi hai un aankhon ki Film: Khamoshi (1969) Lyrics: Gulzar Music: Hemant Kumar Singer: Lata Mangeshkar Voice and Tutorial by: Sanchita Pandey Raag: Raag Pilu (Thaat Kaafi) Taal: Taal Dadra (6 beats) * You are welcome to contribute for the growth of your favourite Youtube channel. Press on the LINK given below and choose your own method of payment! https://rzp.io/l/SanchitaPandey *Follow me on Instagram: https://www.instagram.com/singersanchita/ *WEBSITE: https://inner-universe.wixsite.com/sanchitapandey E-mail: [email protected] * Check out my second channel on YouTube: INNER UNIVERSE COMMUNITY https://youtube.com/c/InnerUniverseCommunity * Books by Sanchita Pandey are available on Amazon: https://www.amazon.in/s?k=sanchita+pandey&ref=nb_sb_noss #SanchitaPandey #InnerUniverseCommunity #LataMangeshkar #gulzar #HemantKumar #BollywoodHits #learnsinging #khamoshi
Playlist
Category
राग
- 28 views
संबंधित राग परिचय
पीलू
प ,नि सा ग१ ; ग१ रे सा ,नि ; ,नि सा - यह राग पीलू की राग वाचक स्वर संगती है। इस राग में कोमल गंधार और मन्द्र सप्तक के शुद्ध निषाद पर विश्रांति दी जाती है, जिससे पीलू राग एकदम प्रदर्शित होता है। इस राग में कोमल निषाद के साथ धैवत शुद्ध और शुद्ध निषाद के साथ धैवत कोमल लिया जाता है।
यह चंचल प्रकृति का राग है। यह करुणा तथा भक्ति रस प्रधान राग है। इसलिये यह राग ठुमरी व भजन के लिए उपयुक्त है। इस राग का विस्तार मन्द्र और मध्य सप्तक में विशेष रूप से किया जाता है। यह स्वर संगतियाँ राग पीलू का रूप दर्शाती हैं -
सा ; ग१ रे सा ,नि ; ,म ,प ,नि सा ग१ रे सा ; सा ,नि ,ध१ ,प ; ,प ,नि सा ग१ ; ग१ म प (म)ग१ ; ग१ (रे)सा ,नि ; सा ; सा ग ; ग म ग१ (रे)सा ; सा ग म प ; नि१ ध प ; ग म ध प ग१ रे सा ,नि ; सा ,नि सा रे ; सा ,नि ,ध ,प ; ,म ,प ,नि ,नि सा ;
थाट
राग जाति
गायन वादन समय
Tags
राग
- Log in to post comments
- 5830 views
राग पीलू का परिचय
राग पीलू का परिचय
वादी: ग॒
संवादी: नि
थाट: KAFI
आरोह: ऩिसागमपनि
अवरोह: सांनि॒धपग॒ रेसा
पकड़: ऩिसाग॒ ऩिसा प़ध़॒ऩिसा
रागांग: पूर्वांग
जाति: AUDAV-SAMPURN
समय: दिन का तृतीय प्रहर
विशेष: सप्तक के बारहो स्वरों का प्रयोग होता है। उभय ऋषभ गन्धार निषाद का उपयोग।