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पंडित निखिल बनर्जी - सितार पाठ • Raag : Komal Rishabh Asawari

Pt. Nikhil Banerjee - Komal Rishabh Asavari from the album 'Indian Classical'

Komal Rishabh Asavari
Artist :Nikhil Banerjee
Album :Komal Rishabh Asavari
 

संबंधित राग परिचय

कोमल-रिषभ आसावरी

यह एक बहुत ही मधुर दिन का राग है। इसे आसवारी तोड़ी भी कहा जाता है। यह राग बिलासखानी तोड़ी से मिलता जुलता राग है। पर राग बिलासखानी तोड़ी के आरोह में मध्यम व निषाद वर्ज्य हैं जबकी राग कोमल-रिषभ आसावरी में गंधार व निषाद वर्ज्य हैं। दोनों रागों में अवरोह में पंचम वर्ज्य हैं।

यह भैरवी थाट का राग है। इस राग के पूर्वांग में राग तोड़ी जैसे स्वर सा रे१ ग१ ; ग१ रे१ ग१ रे१ सा लगते हैं और उत्तरांग में आसावरी अंग झलकता है। अवरोह में षड्ज (सा) को प्रायः नही लगाते जैसे - सा' रे१' नि१ ध१ ; ध१ सा' रे१' ग१' रे१' नि१ ध१। इस राग में पंचम न्यास स्वर है, परन्तु अवरोह में इसको छोड़ा जाता है, जैसे सा रे१ म प ; प ध१ प ; प ध१ नि१ ध१ म ग१ रे१ ; रे१ ग१ रे१ सा। इस राग में निषाद आरोह में वर्ज्य है परन्तु इसे कभी कभी अनुवादी स्वर के रूप में प्रयुक्त किया जाता है जैसे - रे१' नि१ सा रे१' ग१' या रे१ ,नि१ सा रे१

यह एक मींड प्रधान राग है। इस राग को तीनों सप्तकों में गाया जा सकता है। इस राग की प्रकृति शांत और गंभीर है। यह स्वर संगतियाँ राग कोमल-रिषभ आसावरी का रूप दर्शाती हैं -

सा रे१ ,नि१ ,ध१ ; ,प ,ध१ ,नि१ ,ध१ ; ,म ,प ,ध१ ,ध१ सा ; रे१ रे१ ग१ रे१ ग१ रे१ ,नि१ ,ध१ सा ; रे१ म म प ; म प ध१ म ; प ध१ नि१ ध१ म ; म ग१ रे१ ; ग रे१ ,नि१ ,ध१ सा ; म प ध१ सा' ; सा' रे१' रे१' सा' ; सा' रे१' ग' रे१' ग' रे१' नि१ ध१ ध१ म प ; म प ध१ सा' ; प ध१ नि१ ध१ म ; प ध१ म ग१ रे१ ; ग१ रे१ ,नि१ ,ध१ सा ;  

राग कोमल रिषभ आसावरी का उपरोक्त स्वरुप ही वर्तमान में अधिक प्रचलित है जबकि प्राचीन मान्यता के अनुसार इसका अवरोह इस तरह होना चाहिए - सा' रे१' नि१ ध१ प ; ध१ म प ; म प नि१ ध१ प ; ध१ म प ; (म)ग१ रे१ सा

 

थाट

आरोह अवरोह
स रे म प ध स स नि ध प म ग रे स
वादी स्वर
संवादी स्वर

राग के अन्य नाम