శాస్త్రీయ సంగీతానికి దిగ్గజ గాయక్ థే పలుస్కర్

विष्णु दिगंबर पलुस्कर का नाम हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के उन गायकों में शामिल किया जाता है जिन्होंने आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गाँधी की कई सभाओं में रामधुन गायी थी। दिल्ली के गंधर्व विद्यालय में अध्यापक ओ. पी. राय ने बताया कि पलुस्कर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में एक विशिष्ट प्रतिभा थे जिन्होंने भारतीय संगीत में महत्वपूर्ण योगदान किया है।

18 अगस्त को जन्मदिन पर विशेष

उन्होंने बताया कि पलुस्कर ने महात्मा गाँधी की सभाओं सहित विभिन्न मंचों पर रामधुन गाकर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाया।

కిశోరి అమనకర్ యొక్క శాస్త్రీయ సంగీతంలో భారతీయ సంస్కృతికి ఆత్మ బసతీ థీ

किशोरी अमोनकर एक भारतीय शास्त्रीय गायक थीं जिन्होंने अपने शास्त्रीय संगीत के बल पर दशकों तक हिन्दुस्तान के संगीतप्रेमियों के दिल में अपनी जगह बनाए रखी। किशोरी अमोनकर का जन्म 10 अप्रैल 1932 को मुंबई में हुआ था।

किशोरी अमोनकर को हिन्दुस्तानी परंपरा के अग्रणी गायकों में से एक माना जाता है। किशोरी अमोनकर जयपुर-अतरौली घराने की प्रमुख गायिका थीं। किशोरी अमोनकर एक विशिष्ट संगीत शैली के समुदाय का प्रतिनिधित्व करती थीं जिसका देश में बहुत मान है। किशोरी अमोनकर जब 6 वर्ष की थी तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी।

దునియాలో రంగ జమాన భారతీయ సంగీతం

पंडित जसराज मानते हैं कि भारतीय शास्त्रीय संगीत पर पश्चिमी सभ्यता का कोई असर नहीं पड़ा है। इस संगीत को बढ़ावा देने के लिए वह अपने साथियों के साथ देश के कई शहरों में कार्यक्रमों की सीरिज शुरू की है। उनका खास इंटरव्यू...

శాస్త్రీయ విధేం కోయి కడ్వీ దవా నహీం

भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य की तुलना हमेशा बॉलीवुड संगीत से होती रही है। लोगों के मन में एक धारणा है कि शास्त्रीय नृत्य और संगीत कठिन है। पर बर्लिन आईं भरतनाट्यम नर्तकी अंजना राजन इससे इत्तेफाक नहीं रखतीं।

अंजना राजन कहती हैं, शास्त्रीय संगीत या नृत्य कोई कड़वी दवा थोड़ी ही है जिसे पीकर हमें ठीक होना है। यह एक मनोरंजन है। बिलकुल फिल्मी गीतों और डांस की तरह ही। भारत की कलाक्षेत्र अकादमी से भरतनाट्यम की शिक्षा ले चुकीं अंजना राजन मानती हैं कि जैसे हमें कोई भाषा सीखना पड़ती है वैसे ही नृत्य की भाषा भी सीखनी पड़ती है।

రవి కిచ్చులు

రవి కిచ్చులు (కాశ్మీరి: रवि किचलु (దేవనాగరి), रावी कृचलू (Nastaleeq)) (డిసెంబర్ 24, 1932 - 1993), పండిట్ రవి కిచ్చులుగా ప్రసిద్ధి చెందారు, అతను ప్రముఖ హిందుస్థానీ సంగీత విద్వాంసుడు, ప్రముఖ హిందుస్థానీ సంగీత విద్వాంసుడు. అతని సోదరుడు విజయ్ కిచ్లుతో. అతను డాగర్ బ్రదర్స్ వద్ద ద్రుపద్ చదివాడు.

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय