एकतारा

एकतारा अथवा इकतारा भारतीय संगीत का लोकप्रिय तंतवाद्य यंत्र है जिसका प्रयोग भजन या सुगम संगीत में किया जाता है। इसमें एक ही तार लगा होता है। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मिस्र के पारंपरिक संगीत में इसका प्रयोग होता है। इकतारा मूलतः भारतीय कवियों तथा घुमक्कड़ गवैयों द्वारा प्रयोग किया जाता था। निचला गुंजयमान यंत्र वे लौकी से बनाते थे, और ऊपर का गला बनाने के लिए बांस का प्रयोग करते थे। .

क्या हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में भगवान शंकर को समर्पित भी है कोई राग?

साल 1978 की बात है. मशहूर अभिनेता देव आनंद एक फिल्म बना रहे थे- देस परदेस. इस फिल्म के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर भी वही थे. इस फिल्म को सिनेमा फैंस कई वजहों से याद करते हैं. एक तो बतौर अभिनेत्री टीना मुनीम की ये पहली फिल्म थी. दूसरे इस फिल्म की सपोर्टिंग कास्ट में अजीत, प्राण, अमजद खान, श्रीराम लागू, टॉम ऑल्टर, बिंदू, प्रेम चोपड़ा, एके हंगल, सुजीत कुमार, महमूद और पेंटल जैसे उस दौर के जाने-माने चेहरे शामिल थे. इसके अलावा इस फिल्म के लिए देव आनंद ने बतौर संगीतकार राजेश रोशन को चुना था.

लता मंगेशकर ने क्यों नहीं की शादी?

दरअसल घर के सभी सदस्यों की ज़िम्मेदारी मुझ पर थी. ऐसे में कई बार शादी का ख़्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी.

बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी. बहुत ज़्यादा काम मेरे पास रहता था.

 

सोचा कि पहले सभी छोटे भाई बहनों को व्यवस्थित कर दूं. फिर कुछ सोचा जाएगा. फिर बहन की शादी हो गई. बच्चे हो गए. तो उन्हें संभालने की ज़िम्मेदारी आ गई. और इस तरह से वक़्त निकलता चला गया.

किशोर दा से वो पहली मुलाक़ात

40 के दशक में जब मैंने फिल्मों में गाना शुरू ही किया था. तब मैं अपने घर से लोकल पकड़कर मलाड जाती थी.

संगीत सुनना सेहत के लिए भी होता है लाभदायक, जानिए कैसे

आमतौर पर, जब भी व्यक्ति बोर होता है तो मन बहलाने के लिए म्यूजिक सुनना काफी पसंद करता है। गाने सुनने से न सिर्फ मन शांत होता है, बल्कि इसके कारण काफी रिलैक्स भी महसूस होता है। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि संगीत सुनने से सिर्फ आपका चित्त शांत होता है, तो आप गलत हैं। आपको शायद मालूम न हो लेकिन संगीत सुनने से आपका स्वास्थ्य भी काफी अच्छा होता है। जी हां, म्यूजिक सुनने से आप खुद को तंदरूस्त बनाए रख सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको म्यूजिक सुनने के कुछ बेहतरीन स्वास्थ्य लाभों के बारे में बता रहे हैं−

रागों का समय सिद्धांत

रागों का समय सिद्धांत

राग काल

राग काल निर्धारण के अध्ययन में अध्वदर्शक स्वर व परमेलप्रवेशक राग की समझ आवश्यक है।

अध्वदर्शक स्वर

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

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