संगीत प्रवेशिका - कत्थक ( क्रियात्मक पाठ्यक्रम )

1. तीनताल में एक थाट, एक सलामी तथा एक तोड़ा नाचने की क्षमता।
2. दादरा और कहरवा तालों में एक.एक लोग नृत्य।
3. तीनताल में दो तत्कार, हाथ से ताली देकर ठाह तथा दुगुन में बोलना।
4. दादरा, कहरवा एवं तीनताल को हाथ से ताली देकर ठाह तथा दुगुन में बोलना।

संगीत प्रवेशिका - कत्थक ( शास्त्र मौखिक पाठ्यक्रम )

1. परिभाषा - तत्कार, सलामी, थाट, तोड़ा, ताली, खाली, सम, मात्रा, विभाग एवं आवर्तन।
2. किसी एक प्रसिद्ध नृत्यकार का जीवन परिचय।

जूनियर डिप्लोमा (II Year) - कत्थक (शास्त्र पाठ्यक्रम )

1. परिभाषा - नृत्य, नाट नृत्य, तांडव, लास्य, अंग, प्रत्यंग, पढंत, गतभाव, मुद्रा तथा चक्करदार तोड़ा।
2. ध्वनि तथा नाद के विषय में साधारण ज्ञान।
3. उत्तर भारतीय संगीत में प्रचलित भातखंडे अथवा विष्णु दिगम्बर ताललिपि पद्धतियों का साध् ारण ज्ञान।
4. ततकार, ताल के ठेके तथा तोड़े को ताल पद्धति में लिखने का ज्ञान।
5. एकताल तथा सूलताल का पूर्ण परिचय।
6. कत्थक नृत्य का संक्षिप्त इतिहास।
7. महाराज बिंदादीन तथा कालिका प्रसाद का संक्षिप्त जीवन परिचय।

जूनियर डिप्लोमा (II Year) - कत्थक (क्रियात्मक पाठ्यक्रम )

1. तीनताल में अन्य 4 कठिन ततकार हस्तकों सहित, दो थाट, एक सलामी, एक आमद, 5 कठिन
तोड़े, एक चक्करदार तोड़ा, दो सरल गत भाव तथा दो तिहाइयाँ।
2. झपताल में दो तत्कार, एक थाट, एक सलामी, एक आमद, 5 सरल तोड़े तथा दो तिहाइयाँ।
3. दादरा और कहरवा तालों में लोक नृत्य।
4. एकताल तथा सूलताल के ठेके को ठाह, दुगुन तथा चौगुन में हाथ से ताली देकर बोलना।
5. तत्कार तथा तोड़ों को हाथ से ताली देकर ठाह, दुगुन और चौगुन में बोलना।

जूनियर डिप्लोमा (I Year) - कत्थक (शास्त्र पाठ्यक्रम )

1. परिभाषा - नृत्य, कत्थक नृत्य, तत्कार, थाट, सलामी, आमद, तोड़ा, ताल, लय, लय के प्रकार,
मात्रा, आवर्तन, विभाग, ठेका, सम, ताली, खाली, ठाह, दुगुन, चौगुन, तिहाई तथा हस्तक।
2. संगीत तथा भारत की दो मुख्य संगीत पद्धतियों की व्याख्या।
3. तत्कार, ताल के ठेके तथा तोड़ों को भातखंडे अथवा विष्णु दिगंबर ताल पद्धति में लिखने
का ज्ञान।
4. तीनताल, झपताल, दादरा तथा कहरवा तालों का पूर्ण परिचय।

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय