ढोलक

यह एक साधारण लेकिन प्रमुख ताल वाद्य है। यह ढोल की तरह का वाद्य है लेकिन इसका आकार छोटा होता है। इसे लकड़ी के घेरे के दोनों तरफ चमड़ा मढ़ कर बनाया जाता है। इसके चमड़े को इस पर लगी डोरियों से कसा जाता है। इसे दोनों हाथों से बजाया जाता है। ढोलक, ढोल या ढोलकी भारतीय वाद्य यंत्र है। ढोल भारत के बहुत पुराने ताल वाद्य यंत्रों में से है। उत्तर भारत में इसका अधिकतर प्रयोग किया जाता है।

ये हाथ या छडी से बजाए जाने वाले छोटे नगाड़े हैं जो मुख्य रूप से लोक संगीत या भक्ति संगीत को ताल देने के काम आते हैं।

अमिताभ बच्चन के 38 साल पहले मौत को हरा कर आने की पूरी कहानी

अमिताभ बच्चन के 38 साल पहले मौत को हरा कर आने की पूरी कहानी

"चिरंजीव अमिताभ की दशा में पर्याप्त सुधार, पर अभी उन्हें इंटेंसिव केयर यूनिट में ही रखा जा रहा है और शायद 15 दिन और रखना पड़ेगा. सामान्य होने में शायद महीनों लगें. चिंता, शुभकामना, प्रार्थना के लिए आभारी."- बच्चन

ये पंक्तियाँ दिवंगत हरिवंशराय 'बच्चन' के उस पत्र की हैं, जो उन्होंने मुझे 10 अगस्त 1982 को तब भेजा था जब 38 साल पहले उनके पुत्र अमिताभ बच्चन, मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ज़िंदगी के लिए लड़ रहे थे.

अमिताभ बच्चन ने अपनी 77 बरस की ज़िंदगी में कई बार अपनी बीमारी के कारण मुश्किल दौर को देखा है, यह अच्छी बात है कि वह हमेशा अपनी बीमारी पर विजय पाते रहे हैं.

नटराज की मूर्ति यूरोप के परमाणु केंद्र में क्यों रखी गई

नटराज की मूर्ति यूरोप के परमाणु केंद्र में क्यों रखी गई

स्विटजरलैंड और फ़्रांस की सीमा पर स्थित दुनिया के बेहतरीन वैज्ञानिक रिसर्च संस्थानों में से एक यूरोपियन ऑर्गेनाइजेशन फ़ॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सीईआरएन) सबसे जटिल मशीनों का इस्तेमाल करता है.

इसकी आधिकारिक वेबसाइट का कहना है, "हम कणों की मूलभूत संरचना की जांच करते हैं जो हमारे चारों ओर मौजूद सब कुछ बनाते हैं. हम दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जटिल वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं."

दिग्गज डांसर अस्ताद देबू का 73 साल की उम्र में निधन

अस्ताद देबू

नृत्य की दुनिया के दिग्गज अस्ताद देबू का गुरुवार सुबह निधन हो गया. 73 साल के देबू के निधन की जानकारी उनके परिवार वालों ने दी है.

परिवार वालों ने सोशल मीडिया पर जारी की गई सूचना में कहा है, ''10 दिसंबर की सुबह वो इस दुनिया से विदा हो गए. हल्की बीमारी के बाद मु्ंबई स्थित घर पर ही उनका निधन हुआ. वो अपने पीछे एक समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं. कला के प्रति उनका समर्पण अमिट है. उनके नृत्य को पंसद करने वालों की बड़ी तादाद रही है. यह मौत परिवार, दोस्त और नृत्य की दुनिया से जुड़े लोगों को दुखी करने वाली है. हम उनकी कमी महसूस करेंगे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.''

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय