काशी
काशी
-
दमोदर पंडित ने गद्य में उक्ति व्यक्ति. रचना की प्राकृत पैगलम् इन्हीं के द्वारा रचित एक काव्य. जो काशी के राजकुमारों की भाषा सिखलाने के राना.
-
1456 जिसका पालन-नीमा प्रतिपादन किया तथा बाह्य आडम्बरों का विरोध. हजारी प्रसाद ने इन्हें वाणी का डिक्टेटर बताया तो शुक्ल भाषा 'पंचमेल खिचड़ी'. (,,,) 1576
-
-
'' रैदास ने एक परम्परा चलाई जिसे साधु सम्प्रदाय कहते.
,
- संवत् 1554 12,, ,,,, रामाज्ञा ,, जानकी ,, जी, मधुसूदन. काशी में इनके बड़े स्नेही भक्त भदैनी के एक भूमिहार जमींदार. जिनकी मृत्यु पर इन्होंने कई दोहे. 1680
-
काशी के दरबारी कवि गोकुलनाथ महाराज चेत सिंह और उदित. - ,,, -शिख,
'महाभारत 54 1884
-
गोकुलनाथ के ही गोपीनाथ ने भी महाभारत-दर्पण भीष्म, पर्व, शांति पर्व तथा. ये राजा उदित नारायण सिंह के आश्रित.
-
1849 से 1873 0 आपने '35 में सं 0 1849 में, (63), हनुमान विजय, सौन्दर्य लहरी (103 कवित्त)
-
कायस्थ जी ने 'हनुमान जय' नामक ग्रंथ की रचना. 1912 44 1844
-
जानकी प्रसाद के पिता देवकीनन्दन बड़े रईस. '' '' -काल 1872, 'मुक्ति'
-
1867 1890 '' ,,, -रामाश्वमेध, -मम्मट -मुक्ति
-
70 1860-1880
-
लाल कवि के पौत्र कवि के पुत्र गणेश प्रकाश, प्रद्युम्न विजय. ''
-
1802 1807
-
असनी के निवासी घनश्याम रीवाँ के दरबारी दरबार और 'और-हजारा' काव्य.
-
असनी, फतेहपुर निवासी ऋषिनाथ मिश्र मझौली राजा के दरबारी देवकीनन्दन. 483 ''
-
ऋषिनाथ पुत्र ठाकुर बद्रीजन देवकीनन्दन के आश्रित. '' इनके कवित्त सवैये बुन्देलखण्डी ठाकुर कवि की रचनाओं में.
-
काशी के उन प्रमुख रचनाकारों में जिनका रीतिकाल में दरबार सम्बन्ध. इनके पाण्डित्य से बादशाह शाहजहाँ बहुत प्रभावित. ,,,,,,,
,,, 150
-
कुवरि राज शिवप्रसाद सितारे हिन्द के परम्परा में आते. 44 1844 128 142 16
-
सं
1874
-
1883
-
12 - ,,,,,,, - गाने बजाने में उस्ताद. सितार हारमोनियम बढ़िया बजाते. जलतरंग सतरंग तक थे सचमुच आश्चर्य है है है है है है है है है है है है. 50.
‘‘ ’‘ ’
-
1802)
,
,
ये वार्तालाप में लोकोक्तियों के प्रयोक्ता दशनामी सम्प्रदाय के कृष्ण. (1877) (1888) (1976) (1912) लेखन में संस्कृत साहित्य के साथ मौलिकता का प्रवाह. (1915) 0
-
श्री काले हर्षचन्द्र तथा भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के पिता गोपालचन्द्र 'गिरिधरदास' का जन्म सन् सन् 183 (1833) ई 0 हुआ हुआ, गिरिधर महाराज के. '' (1846) 13 'वाल्मीकि'
राजा शिव प्रसाद 'सितारे हिन्द' -
(1823) 0 (1845) 0 ‘’ ,,,,,, इतिहास तिमिर नाशक और बैताल पच्चीसी जैसी पुस्तकों में उर्दू. (1895) 0
-
(1851) 0 इन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना में विशेष रूप से आर्थिक. व्यापारी परिवार से होते हुए भी आपने निरंतर हिन्दी भाषा.
-
31 (1860) ‘’ ‘’ ‘’ ‘बात’ ’‘ ’‘ ’‘ ’ भारतेन्दु जी के घनिष्ठ मित्र होने के नाते कुछ तक 'कविवचन' एवम् 'आर्यमित्र' सफल. (1916)
-
(1861) 0 इनकी कर्मस्यती काशी व मीरजापुर. चकिया व नौगढ़ के जंगलों की छानबीन करते-करते अपनी. (1888) (1913)
-
(1862) 0 गद्य व पद्य अधिकार वाले तिवारी कृतियाँ 'कीर्ति कलानिधि' मनोज संग्रह 'भड़ौआ संग्रह' वीरोल्लाज ', होरी गुलाल. '' ''
-
(1865) 0 भारतेन्दु की इन पर कृपा होने के कारण ये 'हुए,' 'पहली. हिन्दू 'महारानी' प्रताप नाटक आदि अन्य रचनाएँ. हिन्दी साहित्य में इन्हें मुख्यतः नाट्ककार की हैसियत से जाना. निःसहाय हिन्दू इनका मौलिक उपन्यास. '' ' गोपालचन्द्र उपनाम गिरिधरदास 'भारतेन्दु की जीवनी' उत्कृष्ट जीवनी लेखक. '' 'सभा' 1906 'में' (1902)
''
(1866) 0
लेख के प्रकार
- Log in to post comments
- 2595 views