Indian Classical Fusion ❤️ Sitar ❤️ Tabla ❤️ Raga Charukesi ❤️ B. Sivaramakrishna Rao
A rendition of Classical Instrumental Music | Raag Charukesi | Indian Classical Music - B. Sivaramakrishna Rao Charukesi is a raga in Carnatic music (musical scale of South Indian classical music). It is the 26th Melakarta ragam in the 72 melakarta ragam system of Carnatic music. It is called Tarangini in Muthuswami Dikshitar school of Carnatic music. Charukesi is known to incite feelings of pathos and devotion in the listener. Classical music is art music produced or rooted in the traditions of Western music (both liturgical and secular). It encompasses a broad span of time from roughly the 11th century to the present day. The two main traditions of classical music are Carnatic music, found predominantly in the peninsular regions, and Hindustani music, found in the northern, eastern and central regions. The basic concepts of this music includes shruti (microtones), swara (notes), alankar (ornamentations), raga (melodies improvised from basic grammars), and tala (rhythmic patterns used in percussion). Its tonal system divides the octave into 22 segments called shrutis, not all equal but each roughly equal to one quarter of a whole tone of Western music.
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राग
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संबंधित राग परिचय
चारुकेशी
राग चारुकेशी अपेक्षाकृत नया राग है जिसे दक्षिण भारतीय संगीत पद्धति से लिया गया है। यह बहुत ही मधुर राग है जिसे तीनों सप्तकों में बिना किसी रोक टोक के गाया जा सकता है। धैवत और निषाद कोमल होने के कारण यह राग उत्तरांग मे अनूठी सुन्दरता दर्शाता है।
इस राग में पंचम स्वर को कभी-कभी आरोह और अवरोह में छोड़ा जाता है जैसे - ग म ध१ प और प ध१ नि१ ध१ म ग रे। इस राग में कई रागों की छाया दिखाई देती है जैसे- सा रे ग म - नट अंग, ग म ध१ प - भैरव अंग, नि१ सा' रे' सा' ध१ ; ध१ नि१ रे सा' - दरबारी की छाया, रे ग म रे सा - नट भैरव अंग। इन सभी अंगों के मिश्रण से ही राग चारुकेशी का अपना स्वतंत्र अस्तित्व सामने आता है।
यह स्वर संगतियाँ राग चारुकेशी का रूप दर्शाती हैं - म ग रे ; ग रे सा ; ,नि१ ,ध१ सा ; सा रे ग म ; रे ग म रे सा ; ग म ध१ प ; म ग रे ; ग म प ध१ नि१ सा' ; ग म ध१ नि१ ; नि१ सा' ; नि१ सा' रे' सा' ध१ ; ध१ नि१ रे' सा' ; नि१ सा' नि१ ध१ प ; प ध१ नि१ ध१ म ; ग रे ग म रे सा ; ,नि१ ,ध१ ,नि१ रे सा ; म प ध१ नि१ सा' रे' ; सा' रे' ग' रे' ; ग' रे' नि१ ध१ सा' ; सा' नि१ ध१ प ; ध१ म ग रे ; ग म ध१ प ; ग म रे सा ; ,नि१ ,ध१ ,नि१ रे सा;
राग जाति
गायन वादन समय
राग
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