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राग

शास्त्रीय संगीत को समझती हैं गोल्डफिश

गोल्डफिश मछलियों को आप भुलक्कड़ या असावधान समझ सकते हैं, लेकिन जब शास्त्रीय संगीत की बात आती है तो उन्हें पता होता है कि उन्हें क्या पसंद है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि इन मछलियों में इतनी समझ होती है वे 18वीं सदी के जर्मन संगीतकार जोहान सेबेस्टियन बाख और 20वीं सदी के रूसी संगीतकार इगोर स्ट्राविंस्की की रचनाओं में अंतर कर सकती हैं।

रियाज़ कैसे करें

रियाज़ करने की शुरुआत के लिए आप इस प्रकार से कोशिश करें -
1) संगीत सीखने का सबसे पहला पाठ और रियाज़ ओंकार . 3 महीनो तक आप रोज़ सुबह कम से कम 30 मिनट 'सा' के स्वर में ओंकार का लगातार अभ्यास करें.

2) अगर आप और समय दे सकते हैं तो ओंकार रियाज़ करने के बाद 5 मिनट आराम कर के, सरगम आरोह अवरोह का धीमी गति में 30 मिनट तक रियाज़ करें. जल्दबाजी नहीं करें.

3) सरगम का रियाज़ करते समय स्वर ठीक से लगाने का पूरा ध्यान रखें. अगर स्वर ठीक से नहीं लग रहा है तो बार बार कोशिश करें. संगीत अभ्यास में लगन की जरूरत होती है और शुरुआत में बहुत धीरज और इत्मीनान चाहिए.

भारतीय संगीत में आध्यात्मिकता स्रोत

भारतीय संगीत मूल रूप में ही आध्यात्मिक संगीत है। भारतीय संगीत को ईश्वर प्राप्ति का मार्ग माना है तो कहीं साक्षात ईश्वर माना गया है। अध्यात्म अर्थात व्यक्ति के मन को ईश्वर में लगाना व व्यक्ति को ईश्वर का साक्षात्कार कराना अध्यात्म कहलाता है संगीत को अध्यात्मिक अभिव्यक्ति का साधन मानकर संगीत की उपासना की गई है। संगीत को ईश्वर उपासना हेतु मन को एकाग्र करने का सबसे सशक्त माध्यम माना गया है। वेदों में उपासना मार्ग अत्यंत सहज तथा ईश्वर से सीधा सम्पर्क स्थापित करने का सरल मार्ग बताया है। संगीत ने भी उपासना मार्ग को अपनाया है।

कैसे जानें की आप अच्छा गाना गा सकते हैं

आप जब गाते हों तो हो सकता है की आपको लगता हो की बहुत अच्छा गाना गाते हैं लेकिन यह कैसे पता चले की आप सच में एक अच्छे गायक हैं । अगर आप अपनी आवाज़ को अच्छे से जांचना चाहते हों तो ऐसा आप कर सकते हैं । इसके लिए आपको बस अपने आप को ध्यान से सुनने की ज़रुरत है और औरों से अपनी आवाज़ के बारे में सुझाव लेना ज़रूरी है

गणित के सुंदर सूत्र, जैसे कोई संगीत जैसे कोई कविता

गणित को सबसे कठिन माना जाता है लेकिन एक ताज़ा शोध में पता चला है कि गणित के सूत्र में मौजूद अंकों और अक्षरों का जटिल सिलसिला मस्तिष्क में आनंद की वैसी ही अनुभूति पैदा करता है, जैसी एक शानदार कलाकृति को देखकर या महान संगीतज्ञों का संगीत सुनकर पैदा होती है,

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में ब्रेन स्कैनिंग के दौरान कुछ गणितज्ञों को 'अप्रिय' और 'सुंदर' समीकरणों को दिखाया गया.

शोधकर्ताओं ने पाया कि कला को सराहने में मस्तिष्क का जो हिस्सा सक्रिय होता है वही हिस्सा 'सुंदर' गणित से उत्प्रेरित होता है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि सुंदरता के न्यूरोबायोलाजिकल कारण हो सकते हैं.

पं‍डि‍त जसराज, जो वि‍देशी धरती पर भारतीय शास्‍त्रीय संगीत की लौ की तरह जगमगाते रहे

 

किसी देवस्‍थल के समक्ष जलता हुआ दीपक जैसे भारतीय परंपरा में प्रार्थना का प्रतीक होता है, ठीक वैसे ही पंडि‍त जसराज अमेरिका में भारत के शास्‍त्रीय संगीत का प्रतीक थे। वे वि‍देशी धरती पर भारतीय शास्‍त्रीय संगीत की लौ की तरह जगमगाते रहे थे।
विदेशी धरती पर लंबा वक्‍त गुजारने के बाद भी उन्‍होंने कृष्‍ण और हनुमान की भक्‍त‍ि और अपने संगीत का साथ नहीं छोड़ा था। यहां तक कि अपना पहनावा भी नहीं।

शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का 90 साल की उम्र में अमेरिका के न्‍यूजर्सी में निधन हो गया। मेवाती घराने से ताल्लुक रखने रखने वाले पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हिसार में हुआ था।

भारत ने संगीत को बहुत ऊंचाई दी है

भारत ने संगीत को बहुत ऊंचाई दी है. यहाँ संगीत और उसके वाद्य यंत्रो को महज मनोरंजन तक सीमित नहीं रखा गया बल्कि उसे मंदिर और मठ से होते हुए विज्ञान की प्रयोगशाला तक ले जाया गया.

जयपुर के अब्दुल अजीज को संगीत की तालीम विरासत में मिली है. लेकिन उन्होंने अपना समय वाद्य यंत्रो के संरक्षण और संग्रह को समर्पित कर दिया.

अजीज का घर नायाब वाद्य यंत्रो से पटा पड़ा है.

उनके पास कोई 600 से ज्यादा साज है. इनमें बौद्धकाल से लेकर मुगल और राजपूत राजाओं के समय के साज शामिल है. अजीज खोज-खोज कर वाद्य यंत्रो का संग्रह करते रहते हैं.

राग में जाति की परिभाषा

राग विवरण मे सुनते है अमुक राग अमुक जाति का है। "जाति" शब्द राग मे प्रयोग किये जाने वाले स्वरों की संख्या का बोध कराती है । रागों मे जातियां उनके आरोह तथा अवरोह मे प्रयोग होने वाले स्वरों की संख्या पर निर्धारित होती है।

दामोदर पंडित द्वारा रचित संगीत दर्पण मे कहा गया है……

ओडव: पंचभि:प्रोक्त: स्वरै: षडभिश्च षाडवा।
सम्पूर्ण सप्तभिर्ज्ञेय एवं रागास्त्रिधा मत: ॥

लता मंगेशकर ने क्यों नहीं की शादी?

दरअसल घर के सभी सदस्यों की ज़िम्मेदारी मुझ पर थी. ऐसे में कई बार शादी का ख़्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी.

बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी. बहुत ज़्यादा काम मेरे पास रहता था.

 

सोचा कि पहले सभी छोटे भाई बहनों को व्यवस्थित कर दूं. फिर कुछ सोचा जाएगा. फिर बहन की शादी हो गई. बच्चे हो गए. तो उन्हें संभालने की ज़िम्मेदारी आ गई. और इस तरह से वक़्त निकलता चला गया.

किशोर दा से वो पहली मुलाक़ात

40 के दशक में जब मैंने फिल्मों में गाना शुरू ही किया था. तब मैं अपने घर से लोकल पकड़कर मलाड जाती थी.

संगीत सुनना सेहत के लिए भी होता है लाभदायक, जानिए कैसे

आमतौर पर, जब भी व्यक्ति बोर होता है तो मन बहलाने के लिए म्यूजिक सुनना काफी पसंद करता है। गाने सुनने से न सिर्फ मन शांत होता है, बल्कि इसके कारण काफी रिलैक्स भी महसूस होता है। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि संगीत सुनने से सिर्फ आपका चित्त शांत होता है, तो आप गलत हैं। आपको शायद मालूम न हो लेकिन संगीत सुनने से आपका स्वास्थ्य भी काफी अच्छा होता है। जी हां, म्यूजिक सुनने से आप खुद को तंदरूस्त बनाए रख सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको म्यूजिक सुनने के कुछ बेहतरीन स्वास्थ्य लाभों के बारे में बता रहे हैं−