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शख्सियत

মধুপ মুদগল

Madhup Mudgal is an Indian Hindustani classical music vocalist.,[2] known for his khayal and bhajan renditions. A disciple of Kumar Gandharva, he is also a composer, conductor of famous Gandharva Choir and has been principal of the Gandharva Mahavidyalaya, Delhi, a music and dance school since 1995[

He received the prestigious Padma Shri award from the Government of India in 2006.[

শাস্ত্রীয় কণ্ঠশিল্পী ও সঙ্গীতজ্ঞ পন্ডিত ওমকারনাথ ঠাকুর

Pandit Deenanath Mangeshkar (29 December 1900 - 24 April 1942) was an exceptional Hindustani Classical, Semi-Classical and Natya-Sangeet Vocalist and Marathi theatre actor. He is popularly addressed as Master Deenanath Mangeshkar and better known as the father of great Mangeshkar sisters. His kids -Lata Mangeshkar, Asha Bhosle, Hridayanath Mangeshkar, Meena Khadikar and Usha Mangeshkar are of course the biggest names of Indian musical industry!

পন্ডিত ভীমসেন যোশী: একটি যুগের সমাপ্তি

अपनी ओजस्वी वाणी से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के खजाने को समृद्धि के नए शिखर पर ले जाने वाले पंडित भीमसेन जोशी का पुणे में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया।

उनके परिवार ने बताया कि जोशी जी को 31 दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वृद्धावस्था की परेशानियों के कारण उनके गुर्दे और श्वसन तंत्र ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके बाद उन्हें जीवन रक्षक तंत्र पर रखा गया था।

পণ্ডিত রবিশঙ্কর সেতার বাজানো পরিবার।

पंडित रविशंकर भारतीय शास्त्रीय संगीत का ऐसा चेहरा हैं, जिन्हें विश्व संगीत का गॉडफादर कहा गया है। वे केवल सितार वादक नहीं, बल्कि एक घराना हैं जिसका नई पीढ़ी के साधक अनुसरण कर रहे हैं।

पंडित रविशंकर देश के उन प्रमुख साधकों में से हैं, जो देश के बाहर काफी लोकप्रिय हैं। वे लंबे समय तक तबला उस्ताद अल्ला रक्खा खाँ, किशन महाराज और सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान के साथ जुड़े रहे।

সুব্বলক্ষ্মী, সাতটি নোটের প্রতিশব্দ

बहती नदी की कलकल ध्वनि की तरह सहज स्वरों में गाने वाली एमएस सुब्बलक्ष्मी ने भारतीय शास्त्रीय संगीत की गंभीरता में अपनी भक्तिमय भावनाओं को मिलाकर एक ऐसी मधुरता पैदा की जो आज भी श्रोताओं को आनंद से सराबोर कर देती है।

এ আর রহমান

        अल्लाह रक्खा रहमान हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार हैं। इनका जन्म ६ जनवरी १९६७ को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ। जन्म के उपरांत उनका नाम ए. एस. दिलीपकुमार मुदलियार रखा गया था, जिसे बाद में बदलकर वे ए. आर. रहमान बनें। सुरों के बादशाह रहमान ने अपनी मातृभाषा तमिऴ के अलावा हिंदी और कई अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी संगीत दिया है। टाइम्स पत्रिका ने उन्हें मोजार्ट ऑफ मद्रास की उपाधि दी।

Jagjit Singh

Jagjit ji was born on 8 February 1941 in Ganganagar, Rajasthan. Father Sardar Amar Singh Dhamani was an employee of the Government of India. Jagjit ji's family is originally from Dalla village in Ropar district of Punjab. Mother Bachchan Kaur was from Uttalan village in Samrala, Punjab. Jagjeet's childhood name was Jeet. Due to crores of listeners, Singh sahib became Jagjit who won the Jag in a few decades.

education

রাহুল দেব বর্মন

राहुल देव बर्मन हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध संगीतकार थे। इन्हें पंचम या 'पंचमदा' नाम से भी पुकारा जाता था। मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन व उनकी पत्नी मीरा की ये इकलौती संतान थे। अपनी अद्वितीय सांगीतिक प्रतिभा के कारण इन्हें विश्व के सर्वश्रेष्ठ संगीतकारों में एक माना जाता है। माना जाता है कि इनकी शैली का आज भी कई संगीतकार अनुकरण करते हैं। पंचमदा ने अपनी संगीतबद्ध की हुई 18 फिल्मों में आवाज़ भी दी। भूत बंगला (1965 ) और प्यार का मौसम (1969) में इन्होने अभिनय भी किया।

आरम्भिक जीवन :

ফৈয়াজ খান

উস্তাদ ফৈয়াজ খান হিন্দুস্তানি শাস্ত্রীয় সংগীতএর একজন খ্যাতনামা গায়ক। ইনি আগ্রা ঘরানার শিল্পী।

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