मलुहा केदार
राग मलुहा केदार का परिचय
वादी: म
संवादी: सा
थाट: BILAWAL
आरोह: सा रेसा प़म़प़ऩि सारेसा मपधप निसां
अवरोह: सानिधप म गिरे गमप गमरे निसारेसा
पकड़: रेसा प़म़ प़ऩि सारेसा
रागांग: पूर्वांग
जाति: SAMPURN-SAMPURN
समय: रात्रि का द्वितीय प्रहर
विशेष: अल्पत्व - म॓। श्याम(प़ऩि सारेसा), कामोद(गमप गमरे सा) और बिलावल(मग मरे सा) का मिश्रण। उभय मध्यम
राग
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राग मलुहा केदार की समप्रकृति राग
समप्रकृति राग– केदार और कामोद (कुछ अंशो में)।
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मलुहा केदार
राग मलुहा केदार का परिचय
वादी: म
संवादी: सा
थाट: BILAWAL
आरोह: सा रेसा प़म़प़ऩि सारेसा मपधप निसां
अवरोह: सानिधप म गिरे गमप गमरे निसारेसा
पकड़: रेसा प़म़ प़ऩि सारेसा
रागांग: पूर्वांग
जाति: SAMPURN-SAMPURN
समय: रात्रि का द्वितीय प्रहर
विशेष: अल्पत्व - म॓। श्याम(प़ऩि सारेसा), कामोद(गमप गमरे सा) और बिलावल(मग मरे सा) का मिश्रण। उभय मध्यम
राग
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राग मलुहा केदार
थाट बिलावल चढत औडव, श्याम केदार कामोद।
प्रथम रात्रि म स संवाद, मलुहा केदार का योग।।
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राग मलुहा केदार की समप्रकृति राग
समप्रकृति राग– केदार और कामोद (कुछ अंशो में)।
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राग मलुहा केदार