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जैत कल्याण

जैत कल्याण

इस राग की उत्पत्ति कल्याण थाट से मानी गई है। सभी स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते है। मध्यम और निषाद वर्ज्य होने से इसकी जाति ओडव मानी जाती है। वादी पंचम और संवादी ऋषभ है। गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है।

  1. पकड़– रे म॑प, ध प म॑प, ग म रे, ग नि सा।
  2. थाट – कल्याण थाट
  3. वर्ज्य स्वर – आरोह में गंधार और धैवत वर्ज्य है
  4. जाति – औडव-औडव
  5. वादी – संवादी – प – रे

गायन समय -गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है।

Comments

Pooja Tue, 20/04/2021 - 21:38

राग जैत कल्याण, कल्याण का एक प्रकार है। आरोह में ऋषभ और धैवत अल्प है, इसलिये अल्प प्रयोग किये जाते हैं।

इस राग में प – ग, प – रे और ध – ग की संगति राग वाचक है। जैत कल्याण राग भूपाली और देशकार से बहुत मिलता- जुलता है। चलन वक्र होने के कारण यह सरलता से भूपाली और देशकार रागों से अलग हो जाता है।

Pooja Tue, 20/04/2021 - 21:40

N A CLASSICAL AUDIO CASSETTES CO. Presents Classical Song "Raag Jait Kalyan" From Album "Rare Ragas" By Pt. Mallikarjun Mansur.

Album - Rare Ragas
Song - Raag Jait Kalyan
Artist - Pt. Mallikarjun Mansur
Lyrics - Traditional
Music Director - Traditional

संबंधित राग परिचय

जैत कल्याण

इस राग की उत्पत्ति कल्याण थाट से मानी गई है। सभी स्वर शुद्ध प्रयोग किये जाते है। मध्यम और निषाद वर्ज्य होने से इसकी जाति ओडव मानी जाती है। वादी पंचम और संवादी ऋषभ है। गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है।

  1. पकड़– रे म॑प, ध प म॑प, ग म रे, ग नि सा।
  2. थाट – कल्याण थाट
  3. वर्ज्य स्वर – आरोह में गंधार और धैवत वर्ज्य है
  4. जाति – औडव-औडव
  5. वादी – संवादी – प – रे

गायन समय -गायन समय रात्रि का प्रथम प्रहर है।

Comments

Pooja Tue, 20/04/2021 - 21:38

राग जैत कल्याण, कल्याण का एक प्रकार है। आरोह में ऋषभ और धैवत अल्प है, इसलिये अल्प प्रयोग किये जाते हैं।

इस राग में प – ग, प – रे और ध – ग की संगति राग वाचक है। जैत कल्याण राग भूपाली और देशकार से बहुत मिलता- जुलता है। चलन वक्र होने के कारण यह सरलता से भूपाली और देशकार रागों से अलग हो जाता है।

Pooja Tue, 20/04/2021 - 21:40

N A CLASSICAL AUDIO CASSETTES CO. Presents Classical Song "Raag Jait Kalyan" From Album "Rare Ragas" By Pt. Mallikarjun Mansur.

Album - Rare Ragas
Song - Raag Jait Kalyan
Artist - Pt. Mallikarjun Mansur
Lyrics - Traditional
Music Director - Traditional