Mujhko Is Raat Ki Tanhai Mein ❤️ RAAG BHAIRAVI ❤️ Mukesh ❤️ Kalyanji Anandji
Song: Mujhko is raat ki tanhai mein Lyrics: Shameem Jaipuri Music: Kalyanji Anandji Film: Dil bhi tera hum bhi tere (1960) Singer: Mukesh Director: Arjun Hingorani Producer: Bihari Masand - Kanwar Kala Mandir Starring: Balraj Sahni, Dharmendra (debut film!!), Kum Kum, Usha Kiran, Jankidas, Hari Shivdasani, Ranvir Raj WEBSITE: https://inner-universe.wixsite.com/sanchitapandey Follow me on Instagram: https://www.instagram.com/singersanchita/ Check out my second channel, 'Inner Universe Community' : https://www.youtube.com/channel/UCNXpeM4Hn6N_Vkvnf2YsBWQ Books by Sanchita Pandey are available on Amazon: https://www.amazon.com/Sanchita-Pandey/e/B01AKJB2ZW/ref=dp_byline_cont_… #Mukesh #KalyanjiAnandji #ShamimJaipuri
Playlist
Category
राग
- 32 views
संबंधित राग परिचय
भैरवी
यह भैरवी थाट का आश्रय राग है। हालांकि इस राग का गाने का समय प्रातःकाल है पर इस राग को गाकर महफिल समाप्त करने की परंपरा प्रचार में है। आजकल इस राग में बारह स्वरों का स्वतंत्र रूप से प्रयोग करने का चलन बढ़ गया है जिसमें कलाकार कई रागों के अंगों का प्रदर्शन करते हैं। यह राग भाव-अभिव्यक्ति के लिए बहुत अनुकूल तथा प्रभावकारी है। इसके पूर्वांग में करुण तथा शोक रस की अनुभूति होती है। और जैसे ही पूर्वार्ध और उत्तरार्ध का मिलाप होता है तो इस राग की वृत्ति उल्हसित हो जाती है।
ऐसा कौन संगीत मर्मज्ञ अथवा संगीत रसिक होगा जिसने राग भैरवी का नाम ना सुना हो या इसके स्वरों को ना सुना हो। इस राग के इतने लचीले, भावपूर्ण तथा रसग्राही स्वर हैं की श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इस राग का विस्तार मध्य तथा तार सप्तक में किया जाता है। इस राग में जब शुद्ध रिषभ का प्रयोग किया जाता है तो इसे सिंधु-भैरवी कहा जाता है।
इस राग की प्रकृति चंचल है अतः इसमें ख्याल नही गाये जाते। इसमें भक्ति तथा श्रृंगार रस की अनुभूति भरपूर होती है अतः इसमें भजन, ठुमरी, टप्पा, ग़ज़ल, आदि प्रकार गाये जाते हैं। यह स्वर संगतियाँ राग भैरवी का रूप दर्शाती हैं -
रे१ ग१ रे१ ग१ सा रे१ सा ; ग१ म प ; प ध१ प ; प ध१ नि१ ध१ म ; ध१ प ग१ म ; प म ग१ म रे१ रे१ सा ; ,ध१ सा ; सा ग१ म प ; प ध१ प ; म म ; ग१ रे१ सा ; सा ग१ रे१ म ग१ ; सा ग१ प म ग१ सा रे१ सा ; ,नि१ रे१ ,नि१ ,ध१ ,नि१ ,ध१ ,प ,प ,ध१ ,नि१ ,ध१ सा;
थाट
राग जाति
समप्रकृति राग
Tags
राग
- Log in to post comments
- 8844 views
Comments
राग भैरवी भैरवी थाट का आश्रय राग है
यह भैरवी थाट का आश्रय राग है। हालांकि इस राग का गाने का समय प्रातःकाल है पर इस राग को गाकर महफिल समाप्त करने की परंपरा प्रचार में है। आजकल इस राग में बारह स्वरों का स्वतंत्र रूप से प्रयोग करने का चलन बढ़ गया है जिसमें कलाकार कई रागों के अंगों का प्रदर्शन करते हैं। यह राग भाव-अभिव्यक्ति के लिए बहुत अनुकूल तथा प्रभावकारी है। इसके पूर्वांग में करुण तथा शोक रस की अनुभूति होती है। और जैसे ही पूर्वार्ध और उत्तरार्ध का मिलाप होता है तो इस राग की वृत्ति उल्हसित हो जाती है।
इस राग के इतने लचीले, भावपूर्ण तथा रसग्राही स्वर हैं की श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। इस राग का विस्तार मध्य तथा तार सप्तक में किया जाता है।
इस राग में जब शुद्ध रिषभ का प्रयोग किया जाता है तो इसे सिंधु-भैरवी कहा जाता है।
इस राग की प्रकृति चंचल है अतः इसमें ख्याल नही गाये जाते। इसमें भक्ति तथा श्रृंगार रस की अनुभूति भरपूर होती है अतः इसमें भजन, ठुमरी, टप्पा, ग़ज़ल, आदि प्रकार गाये जाते हैं।
- Log in to post comments
राग भैरवी आधारित फिल्मी गाने -
गूंज उठी शहनाई - दिल का खिलौना हाय टूट गया
सीमा - सुनो छोटी सी गुड़िया की लंबी कहानी
बैजू बावरा - तू गंगा की मौज मैं जमुना की धारा
सत्यम शिवम सुन्दरम् - सत्यम शिवम सुन्दरम,
दाग - ऐ मेरे दिल कहीं और चल
आवारा - आवारा हूं या गर्दिश में मैं आसमान का तारा
- घर आया मेरा परदेशी
रोटी कपड़ा और मकान - महंगाई मार गई
दो कलियां - बच्चे मन के सच्चे
बरसात - बरसात में हम से मिले तुम सजन,
- छोड़ गये बालम
दो बदन - भरी दूनिया में आखिर दिल
सत्यम शिवम सुन्दरम - भोर भये पनघट पे
संगम - बोल राधा बोल संगम, दोस्त दोस्त ना रहा
जंगली - चाहे कोई मुझे जंगली कहे
छलिया - छलिया मेरा नाम
अमर प्रेम - चिंगारी कोई भड़के तो
सुर संगम - धन्य भाग सेवा का अवसर पाया
गैम्बलर - दिल आज शायर है
दिल अपना और प्रित पराई - दिल अपना और प्रित पराई
गंगा जमुना - दो हंसों का जोड़ा
तीसरी कसम - दुनिया बनाने वाले
कुदरत - हमें तुमसे प्यार कितना
जिस देश में गंगा बहती है - होठों पे सच्चाई रहती है
- मेरा नाम राजू घराना
अमर - इन्साफ का मन्दिर है ये भगवान का घर है
भरोसा - इस भरी दुनिया में कोई
माया - जा रे, जारे उर जा रे पंछी
शाह जहां - जब दिल हीं टूट गया
मेरा नाम जोकर - जीना यहां मरना यहां
- कहता है जोकर सारा जमाना
सहेली - जिस दिल में बसा था प्यार तेरा
झनक झनक पायल बाजे - जो तुम तोड़ो पिया
संत ज्ञानेश्वर - ज्योत से ज्योत जगाते चलो
ऐतबार - किसी नज़र को तेरा इंतजार
दिल हीं तो है - लागा चुनरी में दाग
आलाप - माता सरस्वती शारदा
बसन्त बहार - मैं पिया तेरी तु माने या ना माने
उपकार - मेरे देश की धरती सोना उगले
श्री ४20 - मेरा जूता है जापानी
- प्यार हुआ इकरार हुआ है
- रमैया वस्तावैया
द लिजेन्ड ऑफ भगत सिंह - मेरा रंग दे बसन्ती चोला
कसमे वादे - मिले जो कड़ी कड़ी
पं० भीमसेन जोशी - मिले सुर मेरा तुम्हारा
किनारा - मीठे बोल बोल
जवाब - पूरब न जईयो
दिल भी तेरा हम भी तेरे - मुझको इस रात की तन्हाई
मेरी सूरत तेरी आँखें - नाचे मन मोरा मगन तीद दा
दूज का चांद - फूल गेंदवा न मारो
आह - राजा की आयेगी बारात
अनाड़ी - सबकुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी
- तेरा जाना
साहिब बीबी और गुलाम - साक़िया आज मुझे नीन्द नहीं
गुलामी - सुनाई देती है जिसकी धड़कन
शबनम - तेरी निगाहों पे मर
धूल का फूल - तू हिन्दू बनेगा न मुसलमान बनेगा
मैं चुप रहूंगी - तुम्हीं हो माता पिता तुम्हीं हो
आई मिलन की बेला - तुम्हें और क्या दूं मैं दिल के सिवा
ग़ुलाम अली - दिल ये पागल दिल मेरा क्युं बुझ गया
हरियाली और रास्ता - ये हरियाली और ये रास्ता
- Log in to post comments
राग भैरवी का परिचय
राग भैरवी का परिचय
''''रे ग ध नि कोमल राखत, मानत मध्यम वादी।
प्रात: समय जाति संपूर्ण, सोहत सा संवादी॥''''
कोमल स्वर - रिषभ, गंधार, धैवत और निषाद।
शुद्ध स्वर - षडज, मध्यमा, पंचम।
जाति - सम्पूर्ण-सम्पूर्ण
थाट - भैरवी
वादी - मध्यमा
संवादी - षडज
आरोह- सा रे॒ ग॒ म प ध॒ नि॒ सां।
अवरोह- सां नि॒ ध॒ प म ग॒ रे॒ सा।
पकड़- म, ग॒ रे॒ ग॒, सा रे॒ सा, ध़॒ नि़॒ सा।