भरतनाट्यम (III Year) - (शास्त्र पाठ्यक्रम )

1. पिछले वर्षों के पाठ्यक्रम का विशेष अध्ययन।
2. शब्दम् शब्द का अर्थ सहित पूर्ण ज्ञान।
3. नव.रसों का पूर्ण ज्ञान।
4. भरतनाट्यम.शास्त्र की 24 असंयुक्त मुद्राओं का श्लोक सहित अर्थ ज्ञान।
5. अभिनय दर्पण की 28 असंयुक्त मुद्राओं का श्लोक सहित ज्ञान।
6. आंगिक, वाचिक तथा अहर्य अभिनय के भेद।
7. द्वितीय वर्ष के पाठ्यक्रम के 10 संयुक्त मुद्राओं का किन.किन अर्थों में प्रयोग होता है, उसका ज्ञान।
8. मिनाक्षी सुन्दरम् पिल्ले, चोकलिंगम पिल्ले तथा पुन्नैया पिल्ले की जीवनी तथा योगदान।

पटियाला घराना

पटियाला घराना हिंदुस्तानी संगीत के प्रसिद्ध घरानों में से एक है। पटियाला घराने दिल्ली घराने की एक शाखा के रूप में माना जाता है।

संस्थापक

उस्ताद फ़तेह अली खान

उस्ताद अली बख्श

प्रतिपादक

बड़े ग़ुलाम अली ख़ाँ

अजॉय चक्रवर्ती

रज़ा अली खान

बेगम अख़्तर

निर्मला देनी

नैना देवी

परवीन सुल्ताना

विचित्र वीणा

विचित्र वीणा एक तार से बजने वाला वाद्य है जिसका प्रयोग हिन्दुस्तानी संगीत में किया जाता है। यह कर्नाटक संगीत में प्रयोग होने वाले गोट्टुवाद्यम (चित्र वीणा) के समान होता है। इसमें कोई फ़्रेट्स नहीं होते हैं और एक स्लाइड द्वारा बजाया जाता है।

रुद्र वीणा

रुद्र वीणा एक प्राचीन वाद्य यंत्र है। इसमें सागौन की लकड़ी या बाँस से बना एक लंबा नलीदार ढाँचा होता है, जिसके दोनों किनारों पर लगभग चौदह इंच के दो खोखले अनुनादक/तुंबे लगे होते हैं। यह तुंबे सूखे या खोखले कद्दू से बने होते हैं। इसमें अंगुलिपटल (दाँडी) पर पीतल की चौबीस सारिकाएँ (मंद्र, मद्ध्य, और तर: तीनों सप्तकों में) लगाई गई होती हैं, जिन्हें मोम की मदद से अचल बनाया जाता है। इन सारिकाओं के ऊपर पीतल की पतली नुकीली प्लेट्स लगाई जाती हैं, जिन्हें सार कहा जाता है।

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय