Raag
Pancham Jogeshwari
पंचम जोगेश्वरी - यह राग आचार्य तनरंग जी की कल्पना है, जिसमें पंचम का उपयोग अवरोह में विशेष रूप से किया जाता है। पंडित रवि शंकर द्वारा बनाए गए राग जोगेश्वरी से इस राग में पंचम की उपस्थिति के कारण थोड़ी सी भिन्नता है। अवरोह में पंचम का उपयोग इस प्रकार से किया जाता है - सा ग म ग१ सा ; ग म (प) म ग१ सा ; सा ग म प म ; प ग म ग१ सा ; ग म ध म ग ; ग म ध नि१ ध म ग ; ग म (प) म ग१ सा
- Read more about Pancham Jogeshwari
- Log in to post comments
- 143 views
Pan̄cama
- Read more about Pan̄cama
- Log in to post comments
- 478 views
Narayani
राग नारायणी को दक्षिण पद्धति के संगीत से हिन्दुस्तानी पद्धति में विद्वानों द्वारा लाया गया है। इस राग में कोमल निषाद की उपस्थिति इसे राग दुर्गा से अलग करती है। पंचम न्यास स्वर है और अवरोह में धैवत को दीर्घ किया जाता है, जैसे - सा रे प ; म प नि१ ध ध प। धैवत को दीर्घ करने से यह राग, सूरदासी मल्हार से अलग हो जाता है, जहाँ धैवत दीर्घ नहीं किया जाता। यह एक शांत प्रकृति का राग है, जिसका विस्तार मध्य और तार सप्तकों में किया जाता है। यह स्वर संगतियाँ राग नारायणी का रूप दर्शाती हैं -
- Read more about Narayani
- Log in to post comments
- 801 views
Nāyakī dvitīya
- Read more about Nāyakī dvitīya
- Log in to post comments
- 87 views
Nayaki Kanada
- Read more about Nayaki Kanada
- Log in to post comments
- 1697 views
Nut Bilawal
- Read more about Nut Bilawal
- Log in to post comments
- 152 views
Nut Raag
- Read more about Nut Raag
- Log in to post comments
- 1306 views
Nut-Bhairav
- Read more about Nut-Bhairav
- Log in to post comments
- 2993 views
Nand
राग नन्द को राग आनंदी, आनंदी कल्याण या नन्द कल्याण के नाम से भी जाना जाता है। इस राग में बिहाग, गौड सारंग, हमीर व कामोद का आभास होता है। जिनसे बचने के लिये - सा ग म ध प रे सा ये राग वाचक स्वर लिये जाते हैं।
- Read more about Nand
- Log in to post comments
- 2851 views
Devasakh
- Read more about Devasakh
- Log in to post comments
- 146 views