Classical Vocalist Musicologist Guru Pandit S. N. Ratanjankar
Pandit Shrikrishna Narayan Ratanjankar 'Sujan' (31 December 1900 - 14 February 1974) occupied a pre-eminent position in the spectacular developments in the field of Hindustani music in the 20th century. A foremost disciple of Chatur Pandit Bhatkhande and a ganda-bandh shagird of the great Ustad Faiyaz Khan, Ratanjankar was an excellent performer, a learned scholar and a great guru with a number of accomplished disciples. His ascetic simplicity, his dedication to and personal sacrifice for the propagation of classical music are legendary.
- Read more about Classical Vocalist Musicologist Guru Pandit S. N. Ratanjankar
- Log in to post comments
- 538 views
Classical Vocalist Pandit Mallikarjun Mansur
Pandit Mallikarjun Bheemarayappa Mansur (31 December 1910 - 12 September 1992) was an Indian Classical Singer of the Khyal style in the Jaipur-Atrauli Gharana of Hindustani Classical Music.
He received all 3 National Padma Awards, the Padma Shri in 1970, Padma Bhushan in 1976 and Padma Vibhushan, the 2nd highest civilian honour given by Government of India in 1992. In 1982, he was awarded the Sangeet Natak Akademi Fellowship, the highest honour conferred by the Sangeet Natak Akademi.
- Read more about Classical Vocalist Pandit Mallikarjun Mansur
- Log in to post comments
- 543 views
जानिए मशहूर शास्त्रीय नृत्यों के बारे में.
जानिए मशहूर शास्त्रीय नृत्यों के बारे में. अगर आप इन्हें याद रखेंगे तो प्रतियोगी परीक्षा में अच्छे नंबर हासिल कर सकते हैं.
1. मोहिनी अट्टम किस राज्य का अर्ध शास्त्रीय नृत्य है?
(a) तमिलनाडु (b) केरल (c) आंध्र प्रदेश (d) ओडिशा
2. भरतनाट्यम का संबंध किस राज्य से है?
(a) राजस्थान (b) पश्चिम बंगाल (c) तमिलनाडु (d) केरल
3. कचिपुड़ी किस राज्य की स्वदेशी नृत्य शैली है?
(a) आंध्र प्रदेश (b) ओडिशा (c) तमिलनाडु (d) मणिपुर
4. कुटियाट्टम किस राज्य का शास्त्रीय रंग मंच का रूप है?
(a) तमिलनाडु (b) मणिपुर (c) पश्चिम बंगाल (d) केरल
Tags
- Read more about जानिए मशहूर शास्त्रीय नृत्यों के बारे में.
- Log in to post comments
- 661 views
नौशाद : सुरीले गीत देने वाले संगीतकार
दुनिया में हम आए हैं तो जीना ही पड़ेगा..., नैन लड़ जई हैं..., मोहे पनघट पे नंदलाल... जैसे एक से एक सुरीले गीत देने वाले संगीतकार नौशाद ने अपने लंबे फिल्मी करियर में हमेशा कुछ न कुछ नया देने का प्रयास किया और उनके हर गाने में भारतीय संगीत की मिठास झलकती है।
हिन्दी फिल्मों में 1930 के दशक से संगीत दे रहे नौशाद ने कभी भी अपने गीतों में संगीत से समझौता नहीं किया। उन्होंने अपने गीतों में जहाँ लोकगीत और लोक संगीत की मधुरता को पिरोया वहीं उन्होंने शास्त्रीय संगीत का दामन भी नहीं छोड़ा।
- Read more about नौशाद : सुरीले गीत देने वाले संगीतकार
- 1 comment
- Log in to post comments
- 66 views
थेय्यन्नम
यह एक कर्मकाण्ड से ओतप्रोत कला है, जिसकी पुलाया और कुरावा समुदाय के लोगों द्वारा प्रस्तुति दी जाती है। थेय्यन्नम कला मावेलिकारा, पण्डालम् और अलाप्पुज्हा जिले के कुछ हिस्सों में देखने को मिलती है। जब व्यक्ति कृषि कार्य करता है तो उसकी पसंद और इस नई शुरूआत के प्रति आदर व उसे प्रोत्साहित करने के लिए यह कला होती है। वह विभिन्न फसलों की खेती करता है, तथापि धान की खेती के प्रति उसका खास रूझान होता है। जो कि थेय्यन्नम की विषय-वस्तु है।
- Read more about थेय्यन्नम
- Log in to post comments
- 6 views
राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।