शंकरिया नृत्य

शंकरिया नृत्य कालबेलिया जाति के सपेरों द्वारा किया जाता है। यह प्रेम कहानी पर आधारित होने के कारण स्त्री-पुरुष दोनों के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसमें अंग संचालन अति सुन्दर होता है। यह प्रेम कहानी पर
आधारित होने के कारण स्त्री-पुरुष दोनों के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसमें अंग संचालन अति सुन्दर होता है।

घुड़ला नृत्य

घुड़ला नृत्य राजस्थान का प्रसिद्ध लोक नृत्य है। यह नृत्य मुख्य रूप से मारवाड़ में किया जाता है। इस नृत्य में छेद वाले मटकी में दीपक रख कर स्त्रियाँ टोली बनाकर 'पनिहारी' या 'घूमर' की तरह गोल घेरे में गीत गाती हुई नाचती हैं।

धनगरी गजा नृत्य

धनगरी गजा नृत्य महाराष्ट्र के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। यह नृत्य शोलापुर ज़िले की गडरिया जाति के लोगों द्वारा किया जाता है, जिन्हें 'धनगर' कहते हैं। धनगर लोग जीविकोपार्जन हेतु भेड़-बकरियाँ आदि पालते हैं और उनका दूध बेचते हैं। हरे-भरे चरागाहों में अपने पशुओं के झुण्ड को लेकर घुमन्तु जीवन जीने वाले ये लोग अपने इष्ट देवता 'बिरूआ' के जन्म की गाथा गाते हुए नृत्य करते हैं।

झपताल

झपताल-यह दस मात्राओं की ताल है। ‌× २ ० ३ धि ना धि धि ना ति ना धि धि ना

झपताल में कितने विभाग है?

इस ताल के 4 विभाग हैं जो की 2 मात्रा 3 मात्रा पुनः 2 मात्रा और 3 मात्रा के हैं .

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय