शंकरिया नृत्य
शंकरिया नृत्य कालबेलिया जाति के सपेरों द्वारा किया जाता है। यह प्रेम कहानी पर आधारित होने के कारण स्त्री-पुरुष दोनों के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसमें अंग संचालन अति सुन्दर होता है। यह प्रेम कहानी पर
आधारित होने के कारण स्त्री-पुरुष दोनों के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। इसमें अंग संचालन अति सुन्दर होता है।
- Read more about शंकरिया नृत्य
- Log in to post comments
- 1122 views
घुड़ला नृत्य
घुड़ला नृत्य राजस्थान का प्रसिद्ध लोक नृत्य है। यह नृत्य मुख्य रूप से मारवाड़ में किया जाता है। इस नृत्य में छेद वाले मटकी में दीपक रख कर स्त्रियाँ टोली बनाकर 'पनिहारी' या 'घूमर' की तरह गोल घेरे में गीत गाती हुई नाचती हैं।
- Read more about घुड़ला नृत्य
- Log in to post comments
- 887 views
धनगरी गजा नृत्य
धनगरी गजा नृत्य महाराष्ट्र के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। यह नृत्य शोलापुर ज़िले की गडरिया जाति के लोगों द्वारा किया जाता है, जिन्हें 'धनगर' कहते हैं। धनगर लोग जीविकोपार्जन हेतु भेड़-बकरियाँ आदि पालते हैं और उनका दूध बेचते हैं। हरे-भरे चरागाहों में अपने पशुओं के झुण्ड को लेकर घुमन्तु जीवन जीने वाले ये लोग अपने इष्ट देवता 'बिरूआ' के जन्म की गाथा गाते हुए नृत्य करते हैं।
- Read more about धनगरी गजा नृत्य
- Log in to post comments
- 595 views
Yamani Bilawal
Yamani Bilawal is een Hindoestaansee raga, die gerelateerd is aan de ochtend van 06.00 tot 0.90 uur. Deze raga is afgeleid van de Kalyan That.
- Read more about Yamani Bilawal
- Log in to post comments
- 1545 views
झपताल
झपताल-यह दस मात्राओं की ताल है। × २ ० ३ धि ना धि धि ना ति ना धि धि ना
झपताल में कितने विभाग है?
इस ताल के 4 विभाग हैं जो की 2 मात्रा 3 मात्रा पुनः 2 मात्रा और 3 मात्रा के हैं .
Tags
- Read more about झपताल
- 1 comment
- Log in to post comments
- 34093 views
राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।