ഗണിത കെ സുന്ദര സുന്ദരം, ജെയ്സെ കോയ് സംഗീതം ജെയ്സെ കോയി കവിത
गणित को सबसे कठिन माना जाता है लेकिन एक ताज़ा शोध में पता चला है कि गणित के सूत्र में मौजूद अंकों और अक्षरों का जटिल सिलसिला मस्तिष्क में आनंद की वैसी ही अनुभूति पैदा करता है, जैसी एक शानदार कलाकृति को देखकर या महान संगीतज्ञों का संगीत सुनकर पैदा होती है,
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में ब्रेन स्कैनिंग के दौरान कुछ गणितज्ञों को 'अप्रिय' और 'सुंदर' समीकरणों को दिखाया गया.
शोधकर्ताओं ने पाया कि कला को सराहने में मस्तिष्क का जो हिस्सा सक्रिय होता है वही हिस्सा 'सुंदर' गणित से उत्प्रेरित होता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि सुंदरता के न्यूरोबायोलाजिकल कारण हो सकते हैं.
Tags
- Read more about ഗണിത കെ സുന്ദര സുന്ദരം, ജെയ്സെ കോയ് സംഗീതം ജെയ്സെ കോയി കവിത
- Log in to post comments
- 365 views
സംഗീത സുനന സേഹത്തിന്റെ ഭീ ഹോത ഉണ്ട് ലാഭദായകൻ, ജാനിഎ കൈസെ
आमतौर पर, जब भी व्यक्ति बोर होता है तो मन बहलाने के लिए म्यूजिक सुनना काफी पसंद करता है। गाने सुनने से न सिर्फ मन शांत होता है, बल्कि इसके कारण काफी रिलैक्स भी महसूस होता है। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि संगीत सुनने से सिर्फ आपका चित्त शांत होता है, तो आप गलत हैं। आपको शायद मालूम न हो लेकिन संगीत सुनने से आपका स्वास्थ्य भी काफी अच्छा होता है। जी हां, म्यूजिक सुनने से आप खुद को तंदरूस्त बनाए रख सकते हैं। तो चलिए आज हम आपको म्यूजिक सुनने के कुछ बेहतरीन स्वास्थ्य लाभों के बारे में बता रहे हैं−
- Read more about സംഗീത സുനന സേഹത്തിന്റെ ഭീ ഹോത ഉണ്ട് ലാഭദായകൻ, ജാനിഎ കൈസെ
- Log in to post comments
- 47 views
ബൻസി കി സ്വർ യാത്ര
बंसीधर कृष्ण कहनैया। भगवान श्रीकृष्ण को इस नाम से पुकारा जाता हैं,जैसे बंसी और कृष्ण एक दुसरे के पर्याय हो ।
इस बंसी के जन्म के संबंध में महाकवि कालिदास ने कुमार सम्भव में कल्पना की हैं कि , भौरों द्वारा छिद्रित वंश - नलिका में वायु के प्रवेश से उत्पन्न मधुर ध्वनी को सुनकर किन्नरों ने उसे वाद्य के रूप में प्रचलित किया । यह वाद्य बहुत पुराना हैं,भारत के नाट्य शास्त्र में भी वंशी का वर्णन हैं , महाभारत ,श्रीमत्भागवत में भी वंशी या बांसुरी का वर्णन हैं ,सूरदास ने लिखा हैं ,
"मेरे स्वव्रे जब मुरली अधर धरी
सुनी थके देव विमान । सुर वधु चित्र समान ।
- Read more about ബൻസി കി സ്വർ യാത്ര
- Log in to post comments
- 61 views
സുർ ന സജെ ക്യാ ഗാവുൻ ഞാൻ ?
सुर ना सधे क्या गाऊ मैं?सुर के बिना जीवन सुना ............सुर ना सधे ?
कितना सुंदर गीत हैं न!और कितनी सुन्दरता से एक गायक की मनोवय्था का वर्णन हैं ।
सुर की महिमा अपार हैं ,सम्पूर्ण जीव सृष्टि मैं सुर विद्यमान हैं ,उसी एक सुर को साधने में संगीत्घ्यो की सारी आयु निकल जाती हैं ,पर सुर हैं की सधता ही नही हैं । कहते हैं ........
" तंत्री नाद कवित्त रस सरस नाद रति रंग ।
अनबुढे बूढे,तीरे जो बूढे सब अंग । "
- Read more about സുർ ന സജെ ക്യാ ഗാവുൻ ഞാൻ ?
- Log in to post comments
- 24 views
જાઓ-સુને ભૈરવી અને ગત
सभी ने राग भैरवी का नाम तो सुना ही होगा,बड़ा ही लोकप्रिय राग हैं,न जाने कितने ही गीत इस राग में बनाये गए हैं,बाबुल मोरा नैहर छुटो ही जाए,कैसे समझाऊ बड़े ना समझ हो,माता सरस्वती शारदा ,लगा चुनरी में दाग छुपाऊ कैसे ?आदि गीत बड़े ही प्रसिद्ध हुए हैं .राग भैरवी सुबह का राग हैं ,पर आजकल श्रोता भैरवी सुने बिना कार्यक्रम समाप्त ही नही होने देते,चाहे कर्यक्रम रत में हो या दिन में .वैसे भैरवी राग भी ऐसा ही हैं कि किसी भी समय उतना ही अधिक कर्णप्रिय मधुर और सरस लगता हैं .यह राग भैरवी के प्रति लोगो का प्रेम दर्शाता हैं ।
- Read more about જાઓ-સુને ભૈરવી અને ગત
- Log in to post comments
- 104 views
राग परिचय
हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत
हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।