ബൻസി കി സ്വർ യാത്ര

बंसीधर कृष्ण कहनैया। भगवान श्रीकृष्ण को इस नाम से पुकारा जाता हैं,जैसे बंसी और कृष्ण एक दुसरे के पर्याय हो ।
इस बंसी के जन्म के संबंध में महाकवि कालिदास ने कुमार सम्भव में कल्पना की हैं कि , भौरों द्वारा छिद्रित वंश - नलिका में वायु के प्रवेश से उत्पन्न मधुर ध्वनी को सुनकर किन्नरों ने उसे वाद्य के रूप में प्रचलित किया । यह वाद्य बहुत पुराना हैं,भारत के नाट्य शास्त्र में भी वंशी का वर्णन हैं , महाभारत ,श्रीमत्भागवत में भी वंशी या बांसुरी का वर्णन हैं ,सूरदास ने लिखा हैं ,
"मेरे स्वव्रे जब मुरली अधर धरी
सुनी थके देव विमान । सुर वधु चित्र समान ।

സുർ ന സജെ ക്യാ ഗാവുൻ ഞാൻ ?

सुर ना सधे क्या गाऊ मैं?सुर के बिना जीवन सुना ............सुर ना सधे ?
कितना सुंदर गीत हैं न!और कितनी सुन्दरता से एक गायक की मनोवय्था का वर्णन हैं ।
सुर की महिमा अपार हैं ,सम्पूर्ण जीव सृष्टि मैं सुर विद्यमान हैं ,उसी एक सुर को साधने में संगीत्घ्यो की सारी आयु निकल जाती हैं ,पर सुर हैं की सधता ही नही हैं । कहते हैं ........
" तंत्री नाद कवित्त रस सरस नाद रति रंग ।
अनबुढे बूढे,तीरे जो बूढे सब अंग । "

જાઓ-સુને ભૈરવી અને ગત

सभी ने राग भैरवी का नाम तो सुना ही होगा,बड़ा ही लोकप्रिय राग हैं,न जाने कितने ही गीत इस राग में बनाये गए हैं,बाबुल मोरा नैहर छुटो ही जाए,कैसे समझाऊ बड़े ना समझ हो,माता सरस्वती शारदा ,लगा चुनरी में दाग छुपाऊ कैसे ?आदि गीत बड़े ही प्रसिद्ध हुए हैं .राग भैरवी सुबह का राग हैं ,पर आजकल श्रोता भैरवी सुने बिना कार्यक्रम समाप्त ही नही होने देते,चाहे कर्यक्रम रत में हो या दिन में .वैसे भैरवी राग भी ऐसा ही हैं कि किसी भी समय उतना ही अधिक कर्णप्रिय मधुर और सरस लगता हैं .यह राग भैरवी के प्रति लोगो का प्रेम दर्शाता हैं ।

സംഗീതം ബേസിക്

कल मुझे कहा गया की मैं संगीत विषयक जानकारी देने के साथ ही शास्त्रीय संगीत का बेसिक भी बताती चलू . वैसे तो मैंने अभी तक जो भी बताया हैं ,वह शास्त्रीय संगीत की वही जानकारी थी जो एक संगीत रसिक जानना चाहता हैं ,मैंने संगीत की उत्पत्ति ,राग ,वाद्य ,गायन आदि के बारे में लिखा,पर कल की टिप्पणी से मुझे लगा की अभी और बेसिक जानकारी दी जानी चाहिए ,इसलिए आज हम एकदम शुरू से शुरू करते हैं .

എന്തുകൊണ്ടാണ് ലതാ മങ്കേഷ്‌കർ വിവാഹം കഴിക്കാത്തത്?

जानिए मशहूर शास्त्रीय नृत्यों के बारे में. अगर आप इन्हें याद रखेंगे तो प्रतियोगी परीक्षा में अच्छे नंबर हासिल कर सकते हैं.

1. मोहिनी अट्टम किस राज्य का अर्ध शास्त्रीय नृत्य है?
(a) तमिलनाडु (b) केरल (c) आंध्र प्रदेश (d) ओडिशा

2. भरतनाट्यम का संबंध किस राज्य से है?
(a) राजस्थान (b) पश्चिम बंगाल (c) तमिलनाडु (d) केरल

3. कचिपुड़ी किस राज्य की स्वदेशी नृत्य शैली है?
(a) आंध्र प्रदेश (b) ओडिशा (c) तमिलनाडु (d) मणिपुर

4. कुटियाट्टम किस राज्य का शास्त्रीय रंग मंच का रूप है?
(a) तमिलनाडु (b) मणिपुर (c) पश्चिम बंगाल (d) केरल

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय