Skip to main content

जो वि‍देशी धरती पर भारतीय शास्‍त्रीय संगीत की लौ की तरह जगमगाते रहे

പണ്ഡിറ്റ് ജസരാജ്, ജോ വിദേശി ധരതി ഭാരതീയ ശാസ്ത്ര സംഗീത സംഗീതം

 

किसी देवस्‍थल के समक्ष जलता हुआ दीपक जैसे भारतीय परंपरा में प्रार्थना का प्रतीक होता है, ठीक वैसे ही पंडि‍त जसराज अमेरिका में भारत के शास्‍त्रीय संगीत का प्रतीक थे। वे वि‍देशी धरती पर भारतीय शास्‍त्रीय संगीत की लौ की तरह जगमगाते रहे थे।
विदेशी धरती पर लंबा वक्‍त गुजारने के बाद भी उन्‍होंने कृष्‍ण और हनुमान की भक्‍त‍ि और अपने संगीत का साथ नहीं छोड़ा था। यहां तक कि अपना पहनावा भी नहीं।

शास्त्रीय गायक पंडित जसराज का 90 साल की उम्र में अमेरिका के न्‍यूजर्सी में निधन हो गया। मेवाती घराने से ताल्लुक रखने रखने वाले पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हिसार में हुआ था।

संबंधित राग परिचय