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कथक की मुद्राएं

കഥക് നൃത്യ― ഉത്തര ഭാരതം

का नृत्य रूप 100 सें को को को को को पैरों को को को को को को को को को में बालबद्ध पदचाप, विहंारा पहचाना जाता है हिन्दु के के अलावा पर्श्दू उर्दू कविता से ली गई विषयवस्तुओं का नाटकीय प्रस्तुतीकरण किया जाता है
*കഥക ജന്മം ഉത്തരത്തിൽ ഹുആ കിന്തു പാർഷ്യനും മുസ്ലീം പ്രഭാവവും യഹൂദ മന്ദിരം ജൻ തക പഹുഞ്ച് ഗയാ.
* इस दृत्य के दराने हैं, को उत्तर के के के के शहरों के शहरों के नाम पर के शहरों के नाम पर के है है के से से दोनों ही के संरक्षण में में विस्तारित हुआ - लखनऊ घराना और जयपुरघराना.
* വർത്തമാന സമയത്തിൻ്റെ കഥകൾ കിയാ ജാതി ഉണ്ട്.

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