ಭಾವನಾತ್ಮಕ ಆಹಾರದ ಬಗ್ಗೆ ಸತ್ಯ

ನಿರಾಶಾದಾಯಕ ಆಡಿಷನ್ ನಂತರ ಐಸ್ ಕ್ರೀಂನ ಪಿಂಟ್ನಲ್ಲಿ ನಿಮ್ಮನ್ನು ಕಳೆದುಕೊಳ್ಳುವುದು. COVID-19 ಲಾಕ್‌ಡೌನ್ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಒತ್ತಡವನ್ನು ಬೇಯಿಸುವುದು. ನಮ್ಮಲ್ಲಿ ಹೆಚ್ಚಿನವರು "ಭಾವನಾತ್ಮಕ ಆಹಾರ" ದ ಅನುಭವವನ್ನು ಹೊಂದಿದ್ದಾರೆ, ಆಹಾರವನ್ನು ಸಂಸ್ಕರಿಸಲು ಅಥವಾ ಒತ್ತಡದಿಂದ ದೂರವಿರಿಸಲು ಆಹಾರವನ್ನು ಬಳಸುತ್ತಾರೆ.

ರಾಮವಿಲಾಸದ ಸಂಗೀತ

ರಾಮ್ ವಿಲಾಸ್ ಶರ್ಮಾ ಒಬ್ಬ ಆಳವಾದ ವಿದ್ವಾಂಸ, ನಮ್ಮ ಕಾಲದ ವಿಮರ್ಶಕ ಮತ್ತು ಚಿಂತಕ. ಅವರ ದೀರ್ಘಕಾಲೀನ ಕೆಲಸದ ಪ್ರಾಮಾಣಿಕ ಮೌಲ್ಯಮಾಪನ, ಅದರ ವಿವಿಧ ಅಂಶಗಳು ಮತ್ತು ಅಂಶಗಳು ಬಹುಶಃ ಈಗಲೇ ಆರಂಭವಾಗುತ್ತವೆ.

का अविनाशी

का अविनाशी

काशी में मोक्षदात्री. इसीलिए काशी का राजा और गुरू का उपयोग. इस नगरी का महाश्मशान में भी आनन्द. ,, -

की जहां जहां के राग राग अन्तर कर पाना बड़ा मुश्किल. काशी में सामान्य को ऐसे आत्मसात् करते. कजरी विशिष्ट और-मन सभी. हैं कि का, किन्तु है, जो बायें. स्वयं में दुर्बल है कि से चूर-चूर और. ,,, ,,, , वह झोपड़ी से, उल्लास से लेकर धार 'असि' लेकर 'वरुणा' तक, में छायी-.

; - इस प्रकार दोनों के.

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काशी में संगीत की

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काशी के संगीतकार

काशी के संगीतकार
काशी की अपनी एक विशेषता. विशेषता में संगीत एक महत्वपूर्ण कड़ी. भगवान शिव के में. ,,, काशी में आदान आदान-प्रदान सत्संग भजन, भजन-. , (,,) जिससे ऐसा प्रतीत कि निश्चित से. -

1739 1770 ई 0 ,,, संगीतकारों ने अपनी कला से संगीत नया आयाम.

- दोनों भाइयों को महाराजा ईश्वरीनारायण सिंह के दरबार में गायन.

- अपने पिता की विरासत यानी संगीत को आगे बढ़ाने में अमूल्य. गायन तथा वीणा वादन बेहद. बार पंजाब अली फत्ते.

- जगदीप मिश्र उस्ताद मौजूद्दीप के. ठुमरी को नया आयाम.

काशी के साहित्यकार

काशी के साहित्यकार

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पंडित ने गद्य में उक्ति व्यक्ति. रचना की प्राकृत पैगलम् इन्हीं के द्वारा रचित एक काव्य. जो काशी के की सिखलाने के.

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1456 पालन ​​नीरू-नीमा किया तथा बाह्य आडम्बरों का. प्रसाद ने इन्हें का डिक्टेटर बताया तो भाषा 'पंचमेल खिचड़ी'. (,,) 1576

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'कह' रैदास ने एक परम्परा चलाई जिसे साधु.

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- संवत् 1554 12,, ,,,, रामाज्ञा ,, जानकी ,, जी, मधुसूदन. काशी में इनके बड़े स्नेही भक्त भदैनी के एक भूमिहार जमींदार. मृत्यु पर इन्होंने कई दोहे. 1680

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काशी के दरबारी महाराज चेत और उदित. - ,, -शिख,

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय