Todi

Miyan ki Todi, often simply referred to as Todi or Darbari Todi (IAST: Toḍi), is a Hindustani classical raga which gave its name to the Todi thaat, one of the ten types of classical music according to the musicologist Bhatkhande. Ragas from the Todi raganga (class of ragas) include Todi (a.k.a. Miyan ki Todi) itself, Bilaskhani Todi, Gujari Todi (also called Gurjari Todi), Desi Todi, Hussaini Todi, Asavari Todi (more commonly known as Komal Rishabh Asavari), and Bahaduri Todi.

চন্দ্রকান্ত লিমায়ে

Pandit Chandrakant Limaye (चंद्रकांत लिमये) (born 19 August 1950) is a Hindustani Classical Singer from India, and the successor disciple of the well known vocalist Late Dr.Vasantrao Deshpande.

Chandrakant Limaye is also famous for his participation in Marathi Musical Plays.

পলুস্কর শাস্ত্রীয় সঙ্গীতের একজন প্রবীণ গায়ক ছিলেন।

विष्णु दिगंबर पलुस्कर का नाम हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के उन गायकों में शामिल किया जाता है जिन्होंने आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गाँधी की कई सभाओं में रामधुन गायी थी। दिल्ली के गंधर्व विद्यालय में अध्यापक ओ. पी. राय ने बताया कि पलुस्कर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में एक विशिष्ट प्रतिभा थे जिन्होंने भारतीय संगीत में महत्वपूर्ण योगदान किया है।

18 अगस्त को जन्मदिन पर विशेष

उन्होंने बताया कि पलुस्कर ने महात्मा गाँधी की सभाओं सहित विभिन्न मंचों पर रामधुन गाकर हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाया।

হিন্দু ধর্ম কেন সঙ্গীতের সাথে সম্পর্কিত?

हिन्दू धर्म का नृत्य, कला, योग और संगीत से गहरा नाता रहा है। हिन्दू धर्म मानता है कि ध्वनि और शुद्ध प्रकाश से ही ब्रह्मांड की रचना हुई है। आत्मा इस जगत का कारण है। चारों वेद, स्मृति, पुराण और गीता आदि धार्मिक ग्रंथों में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को साधने के हजारोहजार उपाय बताए गए हैं। उन उपायों में से एक है संगीत। संगीत की कोई भाषा नहीं होती। संगीत आत्मा के सबसे ज्यादा नजदीक होता है। शब्दों में बंधा संगीत विकृत संगीत माना जाता है।

পুষ্কর লেলে

Pushkar Lele (born 14 November 1979) is a Hindustani Classical Vocalist. He is best known for his 'Kumar Gandharva Style Gayaki (singing)'.

Early life
Lele, a child prodigy, was introduced to the world of music while in kindergarten when his aunt gifted him a toy harmonium. He would play National Anthem and other nursery rhymes on the toy harmonium.[1] This is when his mother noticed his musical talent and started his formal music training in light music under Ms. Medha Gandhe.[2]

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय