मालकौन्स
मालकौन्स
राग मालकौन्स रात्रि के रागों में बहुत ही लोकप्रिय राग है। इस राग के युगल स्वरों में परस्पर संवाद अधिक होने से इसमें मधुरता टपकती है। इस राग का चलन विशेषतया मध्यम पर केंद्रित रहता है। मध्यम पर निषाद, धैवत तथा गंधार स्वरों पर आन्दोलन करके मींड के साथ आने से राग का स्वतंत्र अस्तित्व झलकता है। इस राग का विस्तार तीनों सप्तकों में समान रूप से किया जाता है। इस राग की प्रक्रुति शांत व गंभीर है। यह स्वर संगतियाँ राग मालकौन्स का रूप दर्शाती हैं -
राग के अन्य नाम
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राग मालकौंस Raag Malkauns
भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित ये संगीतमय कार्यक्रम राग मालकौंस की बंदिश, सरगम, आरोह, अवरोह, गत, और गायन समय के बारे में बताता है|
Kartik Kumar | Raag - Malkauns
Feel the resonance of evening ragas.....
Kartik Kumar | Raag - Malkauns
Feel the resonance of evening ragas.....Pt Kartik Kumar, the seniormost disciple of Sitar Maestro Pt Ravi Shankar.
Abhay Rustum Sopori | Raga - Nirmalkauns
Feel the resonance of evening ragas.....Maestro Abhay Rustum Sopori is an Indian Santoor player, music composer and conductor. He is the son of Santoor virtuoso and composer Pandit Bhajan Sopori.
❤️ How to sing Man Tarpat Hari Darshan Ko Aaj ❤️ Raag Malkauns ❤️ Naushad ❤️ Mohammad Rafi
NOTATIONS: गीत का अंतिम भाग: ताल: कहरवा (गीत ताल की पहली मात्रा से शुरू) मुरली मनोहर: ग_ ग_ म म ध_ ध_ नी_ नी_ आस ना तोड़ो: नी_ सां सां सां सां सां सां सां हो s ओ s: सां सां नी_ ध_ ध_ दुख भँजन: ध_ नी_ नी_ नी_ नी_ मोरा साथ ना: नी_ नी_ ध_ नी_ सां नी_ छोड़ो ओ s: ध_ म म म ध_ म मोहे दरशन: ध_ नी_ सां सां सां नी_ भिक्षा s: सां गं_ गं_ सां दे s, दो s: गं_ मं, मं मं मं मोहे, दरशन: ध_ नी_ , सां मं मं गं_ भि s क्षा s: गं_ सां सां नी_ दे s दो s: ध_ नी_ नी_ ध_ आ s s ज: नी_ गं_ सां नी_ दे s दो s, आ s ज: ध_ नी_ ध_ म, म म म ओम: नी_ नी_ नी_ ओम: सां सां सां ओम: गं_ गं_ गं_ ओम: मं मं मं _____________________ N
❤️ How to sing Aadha hai chandrama raat aadhi ❤️ RAAG MALKAUNS ❤️ Taal Dadra
Song: Aadha hai chandrama raat aadhi Film: Navrang (1959) Lyrics: Bharat Vyas Music: C Ramchandra Singers: Asha Bhonsle and Mahendra Kapoor Raag: Malkauns (Thaat Bhairavi) Taal dadra (6 beats) Voice and Tutorial by: Sanchita Pandey * You are welcome to contribute for the growth of your favourite Youtube channel. Press on the LINK given below and choose your own method of payment!
❤️ Sing along! Play along! ❤️ Aadha hai chandrama ❤️ RAAG MALKAUNS ❤️ Dadra taal
Song: Aadha hai chandrama raat aadhi Film: Navrang (1959) Lyrics: Bharat Vyas Music: C Ramchandra Singers: Asha Bhonsle and Mahendra Kapoor Raag: Malkauns (Thaat Bhairavi) Taal dadra (6 beats) Voice and Tutorial by: Sanchita Pandey * You are welcome to contribute for the growth of your favourite Youtube channel. Press on the LINK given below and choose your own method of payment!
. RAAG MALKAUNS ❤️ Mukh mor mor ❤️ ENGLISH NOTATIONS ❤️ Alaap ❤️Taans
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Drums of the Desert ❤️ Raag Malkauns ❤️ Alap
Drums of the Desert | Raag Malkauns | Alap Artist: H.P.Ramamurthy These drums are tuned to the various notes of the octave, which enables the player to coax ragas and melodies from them. The Tabla player who has attained finesse in playing his instrument may venture into tabla tarang playing and become the main player. Disjunct notes and limited range (not more than 16 instruments can be played because the player cannot reach out to too many) are the limitations of the instrument. Yet it is a novelty as it turns a rhythmic instrument into a melody instrument.
संबंधित राग परिचय
मालकौन्स
राग मालकौन्स रात्रि के रागों में बहुत ही लोकप्रिय राग है। इस राग के युगल स्वरों में परस्पर संवाद अधिक होने से इसमें मधुरता टपकती है। इस राग का चलन विशेषतया मध्यम पर केंद्रित रहता है। मध्यम पर निषाद, धैवत तथा गंधार स्वरों पर आन्दोलन करके मींड के साथ आने से राग का स्वतंत्र अस्तित्व झलकता है। इस राग का विस्तार तीनों सप्तकों में समान रूप से किया जाता है। इस राग की प्रक्रुति शांत व गंभीर है। यह स्वर संगतियाँ राग मालकौन्स का रूप दर्शाती हैं -
ग१ ग१ म ; ,ध१ ,नि१ सा म ; ग१ म ग१ ; ग१ म ग१ सा ; म म ; ध१ ध१ नि१ नि१ ध१ म ; ग१ ग१ म ग१ सा ; ,नि१ ,नि१ सा ग१ ; सा ग१ म ध१ म ; म ध१ नि१ ध१ म ; ग१ म ध१ नि१; म ध१ नि१ ; नि१ सा' ; नि१ नि१ सा' ; ग१' म' ग१' सा' ; नि१ सा' ध१ नि१ ध१ म ; ग१ म ग१ नि१ ; नि१ ध१ ; ध१ म ग१ ग१ म ; ग१ सा;
राग मालकौंस ठाठ भैरवी से उत्पन्न माना जाता है.
इस राग की जाति- औडव-औडव है. रे व प वर्ज्य स्वर हैं,
गायन समय रात का तीसरा प्रहर है.
वादी - म, संवादी- सा
इस राग में ग, ध, व नि कोमल लगते हैं
आरोह- सा ग॒ म ध॒ नि॒ सां
अवरोह- सां नि॒ म ग॒ सा
पकड़- ध़॒ नि़॒॒॒ सा म, ग़॒ म ग़॒ सा
विशेषता- इस राग का चलन तीनों सप्तक में एक ही जैसा होता है
इस राग में अगर नि को शुद्ध कर दिया जाए तो यह राग चन्द्रकोश हो जाएगा
इस राग के न्यास के स्वर हैं - सा ग॒ म
इस राग में मींड, गमक और कण का खूब प्रयोग किया जाता है
कुछ विशेष स्वर संगतियाँ -
म ग॒ म ग॒ सा
ग॒ म ध़॒ नि़॒ सां
सां नि॒ ध॒ नि॒ ध॒ म
राग मालकौंस या मालकोश में सुनिये रशीद खां द्वारा गाई यह प्रसिद्ध बन्दिश (आज मोरे घर आये ...)
थाट
राग के अन्य नाम
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राग
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राग मालकोश का परिचय
राग मालकोश का परिचय
वादी: म
संवादी: सा
थाट: BHAIRAVI
आरोह: साग॒मध॒नि॒सां
अवरोह: सांनि॒ध॒म ग॒मग॒सा
पकड़: ध़॒ऩि॒साम ग॒मग॒सा
रागांग: उत्तरांग
जाति: AUDAV-AUDAV
समय: रात्रि का तृतीय प्रहर
विशेष: वर्ज्य-रे प। न्यास-सा, ग॒, म। तीनों सप्तक में चलन।