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❤️ How to sing Man Tarpat Hari Darshan Ko Aaj ❤️ Raag Malkauns ❤️ Naushad ❤️ Mohammad Rafi

NOTATIONS: गीत का अंतिम भाग: ताल: कहरवा (गीत ताल की पहली मात्रा से शुरू) मुरली मनोहर: ग_ ग_ म म ध_ ध_ नी_ नी_ आस ना तोड़ो: नी_ सां सां सां सां सां सां सां हो s ओ s: सां सां नी_ ध_ ध_ दुख भँजन: ध_ नी_ नी_ नी_ नी_ मोरा साथ ना: नी_ नी_ ध_ नी_ सां नी_ छोड़ो ओ s: ध_ म म म ध_ म मोहे दरशन: ध_ नी_ सां सां सां नी_ भिक्षा s: सां गं_ गं_ सां दे s, दो s: गं_ मं, मं मं मं मोहे, दरशन: ध_ नी_ , सां मं मं गं_ भि s क्षा s: गं_ सां सां नी_ दे s दो s: ध_ नी_ नी_ ध_ आ s s ज: नी_ गं_ सां नी_ दे s दो s, आ s ज: ध_ नी_ ध_ म, म म म ओम: नी_ नी_ नी_ ओम: सां सां सां ओम: गं_ गं_ गं_ ओम: मं मं मं _____________________ NOTATIONS OF SECOND PART OF THE SONG: Taal Keharva (begin to sing from 1st beat of the taal) Murli Manohar: g g MM d d n n Aas naa todo: n S' S' S' S' S' S' S' Ho -- O -- : S' S' n d d Dukh bhanjan: d n n n n mora saath naa: n n d n S' n chodo O -- : d M M M d M Mohe darshan: d n S' S' S' n bhik -- sha -- : S' g' g' S' de -- do -- : g' M', M' M' M' Mohe, darshan: d n, S' M' M' g' bhikshaa: g' S' S' n de -- do -- : d n n d Aaj: n g' S' n de -- do -- : d n d M aa -- j: M M M Om: n n n Om: S' S' S' Om: g' g' g' Om: M' M' M' _____________________________ Song: Man Tarpat Hari Darshan Ko Aaj Film: Baiju Bawra (1952) Lyrics: Shakeel Badayuni Music: Naushad Singer: Mohammad Rafi Music tutorial by: SiNGER SANCHiTA Starring: Meena Kumari, Bharat Bhushan Director: Vijay Bhatt *Follow me on Instagram: https://www.instagram.com/singersanchita/ *WEBSITE: https://inner-universe.wixsite.com/sanchitapandey E-mail: [email protected] * Check out my second channel on YouTube: INNER UNIVERSE COMMUNITY * Books by Sanchita Pandey are available on Amazon: https://www.amazon.in/s?k=sanchita+pandey&ref=nb_sb_noss #RaagMalkauns #MohammadRafi #Naushad # ShakeelBadayuni #Bhajan

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संबंधित राग परिचय

मालकौन्स

मालकौन्स

राग मालकौन्स रात्रि के रागों में बहुत ही लोकप्रिय राग है। इस राग के युगल स्वरों में परस्पर संवाद अधिक होने से इसमें मधुरता टपकती है। इस राग का चलन विशेषतया मध्यम पर केंद्रित रहता है। मध्यम पर निषाद, धैवत तथा गंधार स्वरों पर आन्दोलन करके मींड के साथ आने से राग का स्वतंत्र अस्तित्व झलकता है। इस राग का विस्तार तीनों सप्तकों में समान रूप से किया जाता है। इस राग की प्रक्रुति शांत व गंभीर है। यह स्वर संगतियाँ राग मालकौन्स का रूप दर्शाती हैं -

ग१ ग१ म ; ,ध१ ,नि१ सा म ; ग१ म ग१ ; ग१ म ग१ सा ; म म ; ध१ ध१ नि१ नि१ ध१ म ; ग१ ग१ म ग१ सा ; ,नि१ ,नि१ सा ग१ ; सा ग१ म ध१ म ; म ध१ नि१ ध१ म ; ग१ म ध१ नि१; म ध१ नि१ ; नि१ सा' ; नि१ नि१ सा' ; ग१' म' ग१' सा' ; नि१ सा' ध१ नि१ ध१ म ; ग१ म ग१ नि१ ; नि१ ध१ ; ध१ म ग१ ग१ म ; ग१ सा;

 

 

राग मालकौंस ठाठ भैरवी से उत्पन्न माना जाता है.
इस राग की जाति- औडव-औडव है. रे व प वर्ज्य स्वर हैं,
गायन समय रात का तीसरा प्रहर है.
वादी - म, संवादी- सा
इस राग में ग, ध, व नि कोमल लगते हैं

आरोह- सा ग॒ म ध॒ नि॒ सां 
अवरोह- सां नि॒  म ग॒  सा 
पकड़- ध़॒ नि़॒॒॒ सा म, ग़॒ म ग़॒ सा   

विशेषता- इस राग का चलन तीनों सप्तक में एक ही जैसा होता है
इस राग में अगर नि को शुद्ध कर दिया जाए तो यह राग चन्द्रकोश हो जाएगा 
इस राग के न्यास के स्वर हैं - सा ग॒ म 
इस राग में मींड, गमक और कण का खूब प्रयोग किया जाता है 

कुछ विशेष स्वर संगतियाँ - 

म ग॒ म ग॒ सा  

ग॒ म ध़॒ नि़॒ सां

सां नि॒ ध॒ नि॒ ध॒ म 

राग मालकौंस या मालकोश में सुनिये रशीद खां द्वारा गाई यह प्रसिद्ध बन्दिश  (आज मोरे घर आये ...) 

थाट

राग के अन्य नाम

मालकौन्स
मालकौन्स

Comments

Pooja Mon, 19/04/2021 - 23:20

राग मालकोश का परिचय
वादी: म
संवादी: सा
थाट: BHAIRAVI
आरोह: साग॒मध॒नि॒सां
अवरोह: सांनि॒ध॒म ग॒मग॒सा
पकड़: ध़॒ऩि॒साम ग॒मग॒सा
रागांग: उत्तरांग
जाति: AUDAV-AUDAV
समय: रात्रि का तृतीय प्रहर
विशेष: वर्ज्य-रे प। न्यास-सा, ग॒, म। तीनों सप्तक में चलन।