ধ্রুপদ এক সমৃদ্ধ গায়ন শৈলী

ध्रुपद समृद्ध भारत की समृद्ध गायन शैली हैं ,प्राय : देखा गया हैं की ख्याल गायकी सुनने वाले भी ध्रुपद सुनना खास पसंद नही करते। कुछ वरिष्ठ संगीतंघ्यो ने इस गौरवपूर्ण विधा को बचाने का बीड़ा उठाया हैं,इसलिए आज भी यह गायकी जीवंत हैं और कुछ समझदार ,सुलझे हुए विद्यार्थी इसे सीख रहे हैं , ध्रुपद का शब्दश: अर्थ होता हैं ध्रुव+पद अर्थात -जिसके नियम निश्चित हो,अटल हो ,जो नियमो में बंधा हुआ हो।

যান-সুনে ভৈরবী এবং গত

सभी ने राग भैरवी का नाम तो सुना ही होगा,बड़ा ही लोकप्रिय राग हैं,न जाने कितने ही गीत इस राग में बनाये गए हैं,बाबुल मोरा नैहर छुटो ही जाए,कैसे समझाऊ बड़े ना समझ हो,माता सरस्वती शारदा ,लगा चुनरी में दाग छुपाऊ कैसे ?आदि गीत बड़े ही प्रसिद्ध हुए हैं .राग भैरवी सुबह का राग हैं ,पर आजकल श्रोता भैरवी सुने बिना कार्यक्रम समाप्त ही नही होने देते,चाहे कर्यक्रम रत में हो या दिन में .वैसे भैरवी राग भी ऐसा ही हैं कि किसी भी समय उतना ही अधिक कर्णप्रिय मधुर और सरस लगता हैं .यह राग भैरवी के प्रति लोगो का प्रेम दर्शाता हैं ।

আপনি কি জানেন?

ख्याल अरबी भाषा का शब्द जिसका अर्थ हैं विचार या कल्पना. आज मेरे मन में विचार आया कि आपको अपना ख्याल बताया जाए .सुंदर,सांगीतिक,स्वरबध्द ख्याल.

সঙ্গীতের বেসিক

कल मुझे कहा गया की मैं संगीत विषयक जानकारी देने के साथ ही शास्त्रीय संगीत का बेसिक भी बताती चलू . वैसे तो मैंने अभी तक जो भी बताया हैं ,वह शास्त्रीय संगीत की वही जानकारी थी जो एक संगीत रसिक जानना चाहता हैं ,मैंने संगीत की उत्पत्ति ,राग ,वाद्य ,गायन आदि के बारे में लिखा,पर कल की टिप्पणी से मुझे लगा की अभी और बेसिक जानकारी दी जानी चाहिए ,इसलिए आज हम एकदम शुरू से शुरू करते हैं .

তারা সুর এবং আমার গান

तेरे सुर और मेरे गीत,दोनों मीलकर बनेंगी प्रीत ....सुंदर गीत हैं न! जानते हैं किस राग मैं हैं ?यह हैं राग बिहाग .पिछली पोस्ट में हमने जाना . राग क्या होता हैं ?शुध्द ,विकृत स्वर क्या होते हैं ?और जाना राग यमन .

आज हम जानेंगे राग बिहाग और राग से सम्बंधित कुछ और महत्व पूर्ण तथ्य .

हम सभी जानते हैं की राग थाट से उत्पन्न होता हैं ,तो राग बिहाग का थाट हैं बिलावल ,थाट बिलावल में सब स्वर शुध्द होते हैं,और राग बिहाग में भी सब स्वर शुध्द होते हैं .

इस राग में सारे स्वर लगते हैं पर आरोह में रे ध वर्जित हैं .
आरोह हैं ..

सा ग म प नि सां
आवरोह हैं

राग परिचय

हिंदुस्तानी एवं कर्नाटक संगीत

हिन्दुस्तानी संगीत में इस्तेमाल किए गए उपकरणों में सितार, सरोद, सुरबहार, ईसराज, वीणा, तनपुरा, बन्सुरी, शहनाई, सारंगी, वायलिन, संतूर, पखवज और तबला शामिल हैं। आमतौर पर कर्नाटिक संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों में वीना, वीनू, गोत्वादम, हार्मोनियम, मृदंगम, कंजिर, घमत, नादाश्वरम और वायलिन शामिल हैं।

राग परिचय