मांड का अर्थ
मांड
Raagparichay
Sun, 13/09/2020 - 12:43
राग मांड चंचल तथा क्षुद्र प्रक्रुति का, सुनने में सहज परंतु गायन वादन में कठिन राग है। मांड गायन वादन का विशेष प्रचार मारवाड में है। राजस्थान के अतिरिक्त गुजरात के गीत, लोकगीत आदि इस राग की लहरियों से सजे हुए हैं।
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