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खंजरी का अर्थ

खंजरी

यह ढप का ही एक लघु रूप है। ढप की तरह इस पर भी चमड़ा मढ़ा होता है। यह मढी खाल गोह या बकरी की होती है। इसे कामड़, भील, कालबेलिया आदि बजाते हैं। इसे बजाने में केवल अंगुलियों और हथेली का भाग काम में लिया जाता है।

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